Thailand Political Crisis: पड़ोसी देश बांग्लादेश का राजनीतिक संकट अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, वहीं थाईलैंड में भी राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है. बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद एक नई अंतरिम सरकार बन चुकी है, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं आई है. इसी बीच, थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री श्रेत्था थाविसिन को उनके पद से हटा दिया.
कोर्ट ने संविधान के नियमों का उल्लंघन कर कैबिनेट में की गई नियुक्तियों को लेकर यह निर्णय लिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि श्रेत्था थाविसिन ने नैतिकता के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया था. थाईलैंड की सांविधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को उनके पद से हटाने का फैसला सुना दिया है. यह फैसला थाविसिन के खिलाफ नैतिकता से जुड़े एक केस में सुनाया गया है. अदालत ने कहा कि श्रेथा थाविसिन ने संविधान का उल्लंघन किया है.
यह निर्णय उन आरोपों के बाद लिया गया कि प्रधानमंत्री श्रेत्था थाविसिन संवैधानिक नियमों के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे थे. हालांकि, कोर्ट ने कैबिनेट में हुई असंवैधानिक नियुक्तियों के बारे में कोई विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं की है. न्यायाधीशों ने अपने फैसले में कहा कि थाविसिन ने अपनी कैबिनेट में एक आपराधिक रिकॉर्ड वाले वकील को शामिल कर नियमों का उल्लंघन किया. इस मामले में थाइलैंड के पूर्व सत्ताधारी जुंटा (सैन्य अधिकारियों का समूह) द्वारा नियुक्त सांसदों के एक समूह ने केस दायर किया था.
किसी भी देश के प्रधानमंत्री का कोर्ट द्वारा बर्खास्त किया जाना एक अत्यंत असामान्य घटना है, जिससे यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कोर्ट को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा. दरअसल, यह मामला एक मंत्री की नियुक्ति से जुड़ा है. अप्रैल में अपनी कैबिनेट रीशफल के दौरान, प्रधानमंत्री थाविसिन ने पिचिट चुएनबान को प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री के रूप में नियुक्त किया था. यही नियुक्ति थाविसिन के लिए समस्याग्रस्त साबित हुई और अंततः उनके पद से हटने का कारण बनी. First Updated : Wednesday, 14 August 2024