सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा, खत्म हुई बशर अल-असद की सत्ता

Syria rebels: सीरिया में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया है, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल पुराने शासन का अंत हो गया. असद का ठिकाना अज्ञात है. दमिश्क में विद्रोहियों ने इसे आज़ादी का जश्न बताया और इसे सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत घोषित किया.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Syria rebels: सीरिया में विद्रोहियों ने रविवार को ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया कि उन्होंने राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल पुराने शासन का अंत हो गया है. असद, जिनका ठिकाना फिलहाल अज्ञात है, कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर भाग गए हैं. 

दमिश्क की सड़कों पर विद्रोहियों और नागरिकों के जश्न का माहौल है. विद्रोही गुटों ने राजधानी को "आज़ाद" घोषित करते हुए कहा कि यह सीरिया के लिए एक नए युग की शुरुआत है. 

एक नए युग की शुरुआत

इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में विद्रोहियों ने दमिश्क को मुक्त घोषित किया. उन्होंने बयान में कहा, "50 वर्षों के उत्पीड़न और 13 वर्षों के संघर्ष के बाद हम एक नए युग की शुरुआत की घोषणा करते हैं." राजधानी में नागरिकों और लड़ाकों ने सड़कों पर उतरकर असद शासन के अंत का जश्न मनाया.

असद का ठिकाना अज्ञात

बशर अल-असद के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, वे देश छोड़कर भाग गए हैं. उनके जाने से सीरिया में सत्ता का खालीपन पैदा हो गया है, जिससे आगे अस्थिरता बढ़ने की संभावना है.

असद का विवादित इतिहास

असद परिवार का राज 54 साल पहले 1971 में उनके पिता हाफिज अल-असद से शुरू हुआ था. बशर ने 2000 में अपने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली. शुरुआत में सुधारवादी नेता के रूप में देखे गए असद का शासन जल्द ही तानाशाही में बदल गया. उन्होंने गृहयुद्ध के दौरान विरोधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए, जिसमें लाखों लोगों की जान गई और देश तबाह हो गया.

गृहयुद्ध और मानवीय संकट

2011 में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सीरिया गृहयुद्ध में फंस गया. इस संघर्ष में अब तक लगभग 5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और आधी आबादी विस्थापित हो गई है. मानवाधिकार संगठनों ने असद सरकार पर हिरासत केंद्रों में यातना और अन्यायपूर्ण हत्याओं के आरोप लगाए हैं.

रासायनिक हमलों के बाद वैश्विक निंदा

2013 में विद्रोहियों के कब्जे वाले उपनगर घोउटा में रासायनिक हमले के बाद असद शासन को वैश्विक आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि, असद ने इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन इस घटना ने सीरिया को अपने रासायनिक हथियार नष्ट करने पर मजबूर कर दिया.

कमजोर पड़ा शासन

हाल के हफ्तों में असद शासन कमजोर पड़ने लगा. रूस और हिज़बुल्लाह जैसे सहयोगियों से सीमित समर्थन मिलने और इजरायल-तुर्की जैसे क्षेत्रीय संघर्षों ने उनकी स्थिति और खराब कर दी.

सीरिया के भविष्य पर अनिश्चितता

असद के अचानक चले जाने से सीरिया में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है. 2011 के विद्रोह के कारण बनी समस्याएं अभी भी हल नहीं हुई हैं. ऐसे में देश और भी अधिक अस्थिरता की ओर बढ़ सकता है. सीरिया को दशकों के संघर्ष से बाहर निकालने के लिए स्थिरता और पुनर्निर्माण की दिशा में ठोस कदमों की जरूरत होगी.

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08 December 2024, 04:12 PM IST

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