अल्पसंख्यकों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बयानबाजी, तिलमिलाया पाक
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चर्चा की, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने दावा किया कि उनके देश में राज्य संस्थाएं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं. इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत पर बेबुनियाद इल्जाम लगाते हुए कहा कि भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिमायत करने का कोई हक नहीं है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बार फिर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का बचाव करने का कोई हक नहीं है. लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के लोग लगातार उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, जहां उनके जीवन, संपत्ति, मंदिरों और धार्मिक स्वतंत्रता पर लगातार हमले हो रहे हैं.
अल्पसंख्यकों की स्थिति
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चर्चा की, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने दावा किया कि उनके देश में राज्य संस्थाएं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं. पाकिस्तानी प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा, भेदभाव और हिंसा की घटनाएं योजनाबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की खराब स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का उल्लेख किया और कहा कि हम ऐसे पड़ोसी देश की मानसिकता नहीं बदल सकते, जो धर्मांधता और कट्टरता से ग्रस्त हो और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी इसे बदलने में असफल रहीं.
पाकिस्तान में उत्पीड़न के कई मामले
जयशंकर ने लोकसभा में यह भी कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों और उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन वहां की सरकार इन घटनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती. उन्होंने बताया कि भारत की सरकार पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर नजर रखती है और इन मामलों को संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाती रहती है.
जयशंकर ने बताया कि फरवरी में पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ 10 मामले, सिखों के खिलाफ 2 मामले और एक ईसाई व्यक्ति के खिलाफ ज्यादती का मामला सामने आया था. इनमें अपहरण, जबरन धर्मांतरण, होली खेल रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई जैसे मामले शामिल थे. इसके अलावा अहमदिया समुदाय के उत्पीड़न की भी घटनाएं सामने आई हैं.
पाकिस्तान में हिंदू, सिख, ईसाई के खिलाफ अत्याचार आम
पाकिस्तान में हिंदू, सिख, ईसाई और अहमदिया समुदाय के खिलाफ अत्याचारों की घटनाएं आम हो चुकी हैं. जबरन धर्मांतरण, मंदिरों पर हमले, झूठे ईशनिंदा के आरोप और अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण पाकिस्तान में रोजमर्रा की घटनाएं बन चुकी हैं. कई रिपोर्ट्स से यह सामने आया है कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख समुदायों की संख्या लगातार घट रही है, क्योंकि इन्हें इस्लाम कबूल करने या देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है.