Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हाल ही में हुई हिंसक झड़प में 300 से अधिक लोगों की मौत हुई है. सरकार का तख्तापलट और शेख हसीना के प्राधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब देश में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. इस दौरान अब शेख हसीना से जुड़ा एक अजीबो- गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों पहले हुई हिंसा में पूर्व पीएम शेख हसीना के आधिकारिक आवास को भी निशाना बनाया गया था. जिसमें कीमती चीजों की लूटमारी की गई थी. इसके साथ ही हसीना के पालतू जानवरों को भी नहीं छोड़ा गया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस लूटमारी में शेख हसीना की प्यारी पालतू बिल्ली शेख हसीना भी लूटपाट का शिकार हुई. इस जानकारी का खुलासा एक स्वयंसेवी संगठन ने सोशल मीडिया पर किया है. पोस्ट में दी गई जानकारी के आधार पर प्रदर्शनकारियों ने पर्सी को चुरा लिया और उसे 40,000 बांग्लादेशी टका में बेच दिया. पर्सी के अलावा गणभवन से हंस, खरगोश, बकरियां और मछलियों को भी लूटा गया.
इस बीच पूरे मामले के संज्ञान ममें आते ही बांग्लादेश की स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स ने पर्सी को वापस छुड़ाने में सफल रही. पर्सी को शेख हसीना के आवास में वापस भेज दिया गया. इसके अलावा, गणभवन के अन्य पालतू जानवरों को भी वापस लाने की कोशिश जारी है. स्वयंसेवी संगठन ने फेसबुक पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि गणभवन में लूटपाट के बाद पर्सी को 40,000 बांग्लादेशी टका में बेचा गया था. संगठन के अनुसार, वे केवल पर्सी ही नहीं, बल्कि गणभवन से लूटे गए सभी जानवरों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं. शेख हसीना का जर्मन शेफर्ड कुत्ता भी इस लूटपाट का शिकार बना है.
मिली जानकारी के अनुसार, गणभवन में जानवरों की देखभाल करने के लिए तैनात कर्मियों को वापस लाया जाएगा. इस समय गणभवन के पशुओं के उपचार की भी व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा संगठन ने गणभवन से जानवरों को लूटने वालों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द जानवरों को वापस करें और उन्हें गणभवन के गेट पर गार्ड को सौंप दें.
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर हिंसा भड़की थी. बता दें, कि इसी साल जून में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने 'वॉर हीरोज' के परिजनों को 30% कोटा देने का फैसला सुनाया था. इसके बाद छात्र भड़क गए और सड़कों पर उतर आए. छात्रों का हिंसक आंदोलन देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला वापस ले लिया. लेकिन तब तक आंदोलन सत्ता के खिलाफ हो गया था. जिसके चलते शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
First Updated : Friday, 09 August 2024