Explainer: स्वीडन में शरणार्थियों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए, स्वीडन की सरकार ने एक अनोखा ऑफर पेश किया है। सरकार ने घोषणा की है कि जो शरणार्थी देश छोड़कर हमेशा के लिए वापस जाएंगे, उन्हें प्रति व्यक्ति 28 लाख रुपये का बोनस मिलेगा। हालांकि, यह ऑफर लेने वालों को शर्त यह माननी होगी कि वे दोबारा स्वीडन नहीं लौटेंगे।
बढ़ती भीड़ से संस्कृति पर खतरा
स्वीडन में शरणार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह समस्या अब इतनी गंभीर हो गई है कि वहां की सरकार को देश की संस्कृति और व्यवस्था पर खतरा महसूस हो रहा है। शरणार्थियों के कारण न केवल रोज़गार और संसाधनों पर दबाव बढ़ा है, बल्कि अपराध दर भी बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्वीडन की कुल जनसंख्या का 8 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शरणार्थियों का है, और इनमें से कई अवैध रूप से देश में दाखिल हुए हैं।
बाहरी भीड़ से निपटने के प्रयास
स्वीडन ही नहीं, बल्कि अन्य यूरोपीय देश भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, डेनमार्क, नार्वे, और अमेरिका जैसे देशों में भी शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। इन देशों में बड़ी संख्या में एशियाई और अफ्रीकी मूल के लोग, बेहतर जीवन की तलाश में, अवैध मार्गों से प्रवेश कर रहे हैं।
सख्त कानून बना रहे देश
बढ़ती प्रवासी समस्याओं से निपटने के लिए कई देश सख्त कदम उठा रहे हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अवैध प्रवासन पर रोक लगाने के लिए सख्त योजनाएं बनाई हैं। इन देशों में अब सख्त वीजा पॉलिसी लागू की जा रही है ताकि बाहरी लोगों के लिए बसना मुश्किल हो जाए।
सबसे ज्यादा मुस्लिम शरणार्थी
आंकड़ों के अनुसार, यूरोप में पहुंचने वाले शरणार्थियों में सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिम समुदाय की है। ये लोग अक्सर ब्रिटिश चैनल पार कर या डंकी रूट से यूरोपीय देशों में प्रवेश करते हैं। एक बार यूरोप में बसने के बाद, इन प्रवासियों की उपस्थिति कई देशों के लिए चुनौती बन जाती है।
स्वीडन का विशेष ऑफर
स्वीडन ने शरणार्थियों की समस्या को हल करने के लिए यह नया तरीका अपनाया है। सरकार का मानना है कि वित्तीय प्रोत्साहन देकर शरणार्थियों को स्वदेश लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। हालांकि, यह कदम एक अस्थायी समाधान हो सकता है, लेकिन स्वीडन के लिए यह एक गंभीर प्रयास है, जिससे वे अपने देश की संस्कृति और संसाधनों को बचा सकें।
अन्य देश भी उठा रहे कदम
स्वीडन के अलावा, इटली, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश भी सख्त कानून बना रहे हैं। इन देशों ने अवैध प्रवासियों की एंट्री रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है और संयुक्त कदम उठा रहे हैं। इसके बावजूद, समस्या का पूरी तरह से समाधान होते नहीं दिख रहा। ऐसे में स्वीडन का यह ऑफर अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जो शरणार्थियों की समस्या से निपटने के उपाय तलाश रहे हैं। First Updated : Friday, 01 November 2024