24 साल तक सीरिया पर किया राज.... अब कैसे सत्ता से बाहर हुए बशर अल-असद

Syria civil war: सीरिया में करीब 13 सालों से जारी गृहयुद्ध के बाद विद्रोहियों ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया हैं. वहीं, राष्ट्रपति बशर अल-असद परिवार समेत देश छोड़कर चले गए हैं. सीरिया के गृह युद्ध में करीब पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है.

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Syria civil war: सीरिया में 2011 से चल रहे गृहयुद्ध ने बशर अल-असद की सत्ता को खत्म कर दिया है. विद्रोहियों ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया हैं. वहीं, बशर अल-असद परिवार सहित देश छोड़कर भाग गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन हैं बशर अल-असद और उनके शासन का अंत कैसे हुआ.

कौन हैं बशर अल-असद?

बशर अल-असद का जन्म 11 सितंबर 1965 को सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुआ. बशर अल-असद बचपन से शांत और शर्मीले स्वभाव के थे. राजनीति और सेना में उनकी रुचि नहीं थी. उन्होंने दमिश्क यूनिवर्सिटी से मेडिसिन में स्नातक किया और सेना में डॉक्टर बने. इसके बाद वे लंदन में नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करने लगे. 

बशर के बड़े भाई बासेल को उनके पिता हाफिज अल असद ने सीरिया में भविष्य में राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार किया था.  लेकिन 1994 में बासेल की कार दुर्घटना में मौत हो गई. इसके बाद बशर को लंदन से बुलाकर भविष्य के नेता के रूप में तैयार किया गया.  2000 में हाफ़िज़ की मौत के बाद, बशर अल-असद सीरिया के राष्ट्रपति बने. 

राष्ट्रपति बनने से पहले की भूमिका

राष्ट्रपति बनने से पहले बशर ने सीरियाई सेना में सेवा की और कर्नल के पद तक पहुंचे. 1998 में उन्होंने लेबनान फाइल की अगुवाई की और लेबनान में सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बशर ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया और सीरिया में इंटरनेट की शुरुआत की, जिससे उनकी छवि सुधारवादी नेता की बनी. 

सत्ता में बशर अल-असद

2000 में राष्ट्रपति बनने के बाद, बशर के लिए संविधान में बदलाव किया गया और राष्ट्रपति बनने की न्यूनतम आयु 40 से घटाकर 34 कर दी गई.  उन्होंने कई चुनाव जीते और अपनी स्थिति मजबूत की.  उन्होंने अमेरिका के आतंकवाद विरोधी अभियानों में मदद की और लेबनान से अपनी सेना वापस बुलाई. 

2011 के बाद की स्थिति

2011 में, सीरिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए, जिन्हें बशर ने सेना की ताकत से कुचल दिया. यहीं से उनकी छवि एक तानाशाह की बन गई.  इसके बाद गृहयुद्ध होने लगा, जो करीब 13 सालों तक चला. जिसमें लाखों लोग मारे गए और कई विस्थापित हुए. बशर ने हमेशा इसे विदेशी साजिश बताया और रूस और ईरान से समर्थन लिया. 

सत्ता का अंत

हाल ही में विद्रोहियों ने पूरे कई शहरों पर कब्जा कर लिया हैं. बशर अल-असद, अब सत्ता और देश दोनों खो चुके हैं. ये घटना सीरिया के इतिहास में एक नया अध्याय है.
  First Updated : Sunday, 08 December 2024