अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 16 पैसे कमजोर होकर 85.63 पर खुला रुपया

वैश्विक बाजार में उथल-पुथल का ताजा कारण अमेरिकी प्रशासन का लगभग 60 देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का फैसला है. वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल का मुख्य कारण अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगभग 60 देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का निर्णय था. चीन ने भी कड़ा प्रतिवाद करते हुए 34 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया.

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Edited By: Aprajita

सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे गिरकर 85.63 पर खुला, क्योंकि वैश्विक वित्तीय बाजार व्यापार तनाव के कारण दबाव में हैं. हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी डॉलर में नरमी जैसी स्थिति ने आमतौर पर रुपये जैसे उभरते बाजार की मुद्राओं का समर्थन किया था, फिर भी रुपये की गिरावट जारी रही.

वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल

वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल का मुख्य कारण अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगभग 60 देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने का निर्णय था. चीन ने भी कड़ा प्रतिवाद करते हुए 34 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और वैश्विक इक्विटी बाजारों में बिकवाली का सिलसिला शुरू हो गया. विश्लेषकों को इस बात की चिंता है कि व्यापार युद्ध के बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था और अमेरिकी नागरिकों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके कारण अमेरिकी मंदी की आशंका भी जताई जा रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रुपया 85.79 पर खुलने के बाद 85.63 पर आ गया, जो शुक्रवार के 85.44 के बंद भाव से 19 पैसे कम है. विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक टैरिफ युद्ध से मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को लेकर चिंताएँ बढ़ी हैं. साथ ही निराशाजनक सेवा पीएमआई डेटा ने डॉलर पर और दबाव डाला है.

मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक सोमवार से शुरू हुई. निवेशक इस बैठक के परिणामों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. बुधवार को ब्याज दरों पर निर्णय होने की संभावना है, जिसके बाद केंद्रीय बैंक की दिशा को लेकर स्पष्ट संकेत मिल सकते हैं.

बाजार में भी निराशा देखने को मिली, क्योंकि शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय इक्विटी से 3,483.98 करोड़ रुपये निकाले. सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों में भी गिरावट आई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. 

भारत के सेवा क्षेत्र में मामूली गिरावट 

इस बीच, डॉलर इंडेक्स में 0.05 प्रतिशत की गिरावट आई और ब्रेंट क्रूड वायदा 2.73 प्रतिशत घटकर 63.79 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. आर्थिक मोर्चे पर, मार्च में भारत के सेवा क्षेत्र में मामूली गिरावट आई और एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई 59.0 से घटकर 58.5 पर आ गया. हालांकि, यह अभी भी अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर है.

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07 April 2025, 03:19 PM IST

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