रूस का चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर हमला, जेलेंस्की ने रिसाव का किया दावा
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद शांति की कोशिशें तेज हो गई हैं. शांति प्रयासों में पिछले दो दिनों में तेजी आई है हालांकि रूस की ओर से किए गए हमले से युद्ध भड़क सकता है. हमले के बाद यूक्रेन के साथ-साथ पूरे यूरोप में दहशत है.

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने की कोशिशों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने एक बड़ा दावा किया है कि रूस ने चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ड्रोन से हमला किया है. हालांकि, रेडिएशन का स्तर सामान्य बताया गया है. यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि हमले के बाद प्लांट में आग लग गई थी, लेकिन अब आग बुझा दी गई है.
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर बताया कि रूस के ड्रोन ने चेरनोबिल के नष्ट हो चुके न्यूक्लियर पावर प्लांट के चौथे यूनिट पर हमला किया, जो रेडिएशन से सुरक्षा के लिए एक शेल्टर से ढका हुआ था. उन्होंने कहा कि हमले से शेल्टर को नुकसान हुआ, लेकिन रेडिएशन का स्तर बढ़ा नहीं है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.
रूस ने चेरनोबिल पर ड्रोन से हमला किया
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि चेरनोबिल प्लांट के पास एक धमाका हुआ, जिसके बाद आग लग गई थी. आईएईए ने कहा कि यह हमला एक रूसी ड्रोन ने किया था.
जेलेंस्की ने रेडिएशन रिसाव की चेतावनी दी
चेरनोबिल में 1986 में बड़ा परमाणु हादसा हुआ था, जब रिएक्टर 4 में विस्फोट हो गया था, जिससे यूरोप और सोवियत संघ के कई हिस्सों में रेडियोधर्मिता फैल गई थी. इस हादसे के बाद प्लांट को कंक्रीट और स्टील से बंद कर दिया गया था.
जेलेंस्की ने बताया स्थिति सामान्य
यूक्रेनी सेना ने गुरुवार रात को दावा किया कि रूस ने यूक्रेन पर 133 ड्रोन दागे थे, जिनमें से 73 को मार गिराया गया और 58 अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके. यह हमला उस समय हुआ जब रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता चल रही थी. इस हमले ने पूरे यूक्रेन और यूरोप में डर का माहौल बना दिया है, क्योंकि अगर परमाणु रिएक्टर से रिसाव हुआ, तो यूरोप को बड़ा संकट हो सकता है.