'कैंसर के खिलाफ रूस का बड़ा दावा: 2025 तक मुफ्त वैक्सीन तैयार!'

रूस ने कैंसर के खिलाफ़ mRNA वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जो 2025 तक मुफ्त में उपलब्ध होगीदावा है कि यह ट्यूमर के विकास और उसके फैलने को रोकने में मदद करेगा. रूसी राष्ट्रपति और वैज्ञानिक इसे एक बड़ा कदम बता रहे हैं. पर यह टीका किन कैंसर को निशाना बनाएगा? जानिए पूरी खबर में!

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Edited By: Aprajita

Free Cancer Vaccine: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई में रूस ने एक बड़ा दावा किया है. देश ने अपना पहला mRNA वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 2025 तक मुफ्त में जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह जानकारी रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने दी। इस वैक्सीन को कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने और उसके मेटास्टेसिस (शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने) को नियंत्रित करने में प्रभावी बताया जा रहा है।

कैसे काम करेगा यह टीका?

वैक्सीन को गामालेया राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने विकसित किया है। निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने बताया कि प्री-क्लीनिकल ट्रायल्स में यह वैक्सीन ट्यूमर के विकास को रोकने में कारगर साबित हुई है। हालाँकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह टीका विशेष रूप से किन प्रकार के कैंसर को लक्षित करेगा।

रूसी राष्ट्रपति ने पहले ही किया था संकेत

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस साल की शुरुआत में कैंसर वैक्सीन के करीब पहुँचने की बात कही थी। फरवरी में एक टेलीविजन संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था, “हम एक नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉडुलेटरी दवाओं और कैंसर के वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। यह जल्द ही व्यक्तिगत चिकित्सा के रूप में उपलब्ध होगा।”

वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी

रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के महानिदेशक एंड्री काप्रिन ने बताया कि यह टीका रोगियों को बिना किसी शुल्क के वितरित किया जाएगा। उन्होंने रेडियो रोसिया को दिए इंटरव्यू में इसकी पुष्टि की।

दुनियाभर में चल रहा है कैंसर वैक्सीन पर काम

रूस के अलावा, कई अन्य देश और फार्मा कंपनियाँ भी कैंसर के टीके विकसित करने में जुटी हैं। पिछले साल, ब्रिटेन ने बायोएनटेक के साथ साझेदारी की थी। उनका लक्ष्य 2030 तक 10,000 रोगियों को व्यक्तिगत कैंसर उपचार देना है।

फार्मा कंपनियाँ मॉडर्ना और मर्क भी एक प्रायोगिक कैंसर वैक्सीन पर काम कर रही हैं। उनके मध्य-चरण के अध्ययन में यह पाया गया कि तीन साल के उपचार के बाद मेलेनोमा (सबसे घातक त्वचा कैंसर) के दोबारा होने या मृत्यु की संभावना लगभग 50% कम हो जाती है।

पहले से उपलब्ध टीके

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्तमान में एचपीवी के विरुद्ध छह टीके लाइसेंस प्राप्त हैं। ये गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर और अन्य कई प्रकार के कैंसर के खिलाफ प्रभावी हैं।

2025 में नया अध्याय

रूस का यह कदम कैंसर के इलाज में एक नई क्रांति ला सकता है। अगर यह वैक्सीन सफल होती है, तो यह न केवल रूस बल्कि दुनिया भर के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। ऐसे में 2025 का साल कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में उम्मीद की एक नई किरण लेकर आ सकता है।

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19 December 2024, 03:21 PM IST

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