'हमारी लाल रेखाएं, हमारी ताकत'... मॉस्को ने किया यूक्रेन पर मिसाइल परीक्षण, पश्चिमी देशों को दी सख्त चेतावनी
रूस ने यूक्रेन पर एक शक्तिशाली आईसीबीएम परीक्षण करके एक कड़ा संदेश दिया है, खासकर अमेरिका और ब्रिटेन को, जो यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे इलाकों को निशाना बनाने की अनुमति दे रहे हैं. इस मिसाइल परीक्षण को रूस की 'लाल रेखा' के उल्लंघन पर प्रतिक्रिया माना जा रहा है और इससे पूरी दुनिया को यह चेतावनी दी गई है कि रूस अपनी सुरक्षा के सवाल पर कोई समझौता नहीं करेगा. क्या इस कदम से यूक्रेन और पश्चिमी देशों के लिए नई चुनौतियां खड़ी होंगी? जानिए पूरी कहानी में!
Russia Bold Message: रूस ने एक बार फिर अपनी ताकत का अहसास कराते हुए यूक्रेन के खिलाफ एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया है. यह मिसाइल पारंपरिक, यानी गैर-परमाणु वारहेड के साथ दागी गई थी, लेकिन इस परीक्षण का संदेश पूरी दुनिया को साफ और कड़ा था – रूस की 'लाल रेखाओं' का उल्लंघन न किया जाए. इस कदम को रूस का पश्चिमी देशों और खासकर यूक्रेन के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है कि मास्को किसी भी हाल में अपनी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा.
अमेरिका और ब्रिटेन की मिसाइल मंजूरी के बाद रूस की कड़ी प्रतिक्रिया
यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में हुआ जब कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे इलाकों को निशाना बनाने के लिए पश्चिमी लंबी दूरी की क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों की अनुमति दी थी. इन मंजूरी के बाद, कीव ने यूक्रेन में रूस के अंदर स्थित ठिकानों को निशाना बनाते हुए अमेरिकी निर्मित ATACMS और ब्रिटेन निर्मित 'स्टॉर्म शैडो' मिसाइलों का इस्तेमाल किया.
रूस ने इस कदम को सीधे तौर पर अपनी सुरक्षा पर खतरा मानते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी. रूस का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाइयाँ उसकी 'लाल रेखाओं' का उल्लंघन करती हैं और वह इसे सहन नहीं करेगा. इस कारण रूस ने अपने सामरिक हथियारों की शक्ति का प्रदर्शन करते हुए एक आईसीबीएम दागा, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि रूस अपने क्षेत्रीय सुरक्षा हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
यूक्रेन और पश्चिमी देशों को मिले चेतावनी
रूस का यह मिसाइल परीक्षण केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह एक राजनीतिक चेतावनी भी थी. रूस के अनुसार, पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही मदद और तकनीकी सहयोग की वजह से संघर्ष और भी बढ़ सकता है. पुतिन ने पहले ही स्पष्ट किया था कि रूस किसी भी हाल में अपनी सुरक्षा के सवाल पर पीछे नहीं हटेगा और यदि जरूरत पड़ी तो परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है.
वहीं, यूक्रेन और पश्चिमी देशों की तरफ से रूस की इस चेतावनी पर किसी प्रकार की बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह संकट और तनाव को और बढ़ा सकता है. रूस का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठाने को तैयार है.
भविष्य में क्या हो सकता है?
इस बीच, रूस द्वारा दागी गई मिसाइल और उसके साथ दी गई चेतावनियां, यूक्रेन और पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं – क्या वे रूस की 'लाल रेखाओं' को समझेंगे और उसके बाद किसी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचेंगे? क्या इस युद्ध के आगे बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय तनाव और भी बढ़ेगा और क्या इसके परिणाम स्वरूप एक और वैश्विक संकट पैदा हो सकता है? इस समय, रूस की सैन्य ताकत और उसकी नीति दोनों ही यूक्रेन और पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ा चैलेंज हैं. आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या यह मिसाइल परीक्षण केवल एक रणनीतिक चाल थी, या फिर रूस के लिए यह एक बड़ा कदम साबित होगा जो वैश्विक राजनीति को नए दिशा में मोड़ सकता है.