दुनिया में इतने पैसे ही नहीं जितना रूस ने Google पर जुर्माना ठोंका; यहां जानें पूरा सच
Google Penalty: इन दिनों गुगल पर रूस के द्वारा लगाए गए जुर्माने की चर्चा हो रही है. इसमें कहा गया कि उसपर दुनिया की GDP का 7 गुना जुर्माना लगा दिया गया. आइये जानें आखिर इसके पीछे का पूरा सच क्या है?
Google Penalty: मास्को की एक अदालत ने गूगल पर 20 डेसिलियन डॉलर का विशाल जुर्माना लगाया है, जो कि वैश्विक जीडीपी से भी कई गुना अधिक है. यह जुर्माना गूगल द्वारा यूट्यूब जैसे अपने प्लेटफार्मों पर कुछ रूसी राज्य-संबंधित चैनलों को ब्लॉक करने के कारण लगाया गया है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब गूगल ने रूसी चैनल 'ट्सारग्राद टीवी' को ब्लॉक किया. इसके बाद अन्य रूसी राज्य-संबंधित चैनलों पर भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए. यह कदम रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के समय उठाया गया था.
मॉस्को की अदालत ने गूगल को हर दिन 100,000 रूबल (लगभग $1,200) का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया था. लेकिन, गूगल के इस आदेश का पालन न करने के कारण जुर्माना दोगुना होता गया. समय के साथ यह राशि बढ़कर 20 डेसिलियन डॉलर (लगभग 20 डेसिलियन रूबल) तक पहुंच गई, जो अविश्वसनीय रूप से बड़ी है.
गूगल का उत्तर और रूस में कंपनी की स्थिति
रूस द्वारा 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद गूगल ने रूस में अपने ऑपरेशन बंद करने का निर्णय लिया. इसके साथ ही, गूगल ने अपनी रूसी सहायक कंपनी को बंद कर दिया और रूस में बैंकरप्सी का ऐलान किया. इसके बाद रूसी अधिकारियों ने गूगल की लगभग 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली.
जुर्माने की वैधता और इसके प्रभाव
गूगल पर लगाए गए इस जुर्माने की गणना और वैधता को लेकर सवाल उठाए गए हैं. रूसी अदालतों ने इसे कंटेंट नियमों के उल्लंघन के लिए सही ठहराया है. यह जुर्माना दिखाता है कि बड़ी टेक कंपनियों और देशों के बीच कानूनी संघर्ष बढ़ सकता है, खासकर जब ये कंपनियां किसी देश के कंटेंट नियमों से सहमत नहीं होती हैं.
बड़ी तकनीकी कंपनियों के सामने चुनौतियां
इस जुर्माने ने यह स्पष्ट किया है कि गूगल जैसी कंपनियों के लिए ऐसे देशों में काम करना एक बड़ी चुनौती है, जो उनके प्लेटफार्मों पर सामग्री नियंत्रण को लेकर सख्त हैं.