रूस ने Tu-95MSM बॉम्बर से बढ़ाया दहशत, यूक्रेन पर KH-101 क्रूज मिसाइलों की बरसात

Russia-Ukraine war: यूक्रेन पर हमले के लिए रूस ने अपने 72 साल पुराने बॉम्बर Tu-95 के नए वैरिएंट का इस्तेमाल किया है. ये है Tu-95MSM. इस प्लेन को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. यह बमबारी के अलावा मिसाइलों को भी लॉन्च कर सकता है. इसलिए रूस ने इसी के जरिए यूक्रेन पर Kh-101 क्रूज मिसाइलों से हमला किया.

Dimple Yadav
Dimple Yadav

Russia-Ukraine war: रूस ने अपने पुराने बमवर्षक विमान Tu-95 का उपयोग यूक्रेन पर हमले के लिए किया, लेकिन इस बार रूस ने इस विमान को नया रूप दिया है. अब इसे Tu-95MSM नाम दिया गया है, जो एक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है. इस नए रूप में यह विमान Kh-101 क्रूज मिसाइल या Kh-102 न्यूक्लियर क्रूज मिसाइल दाग सकता है.

रूस ने इस बमवर्षक का उपयोग यूक्रेन के Dnipro शहर पर Kh-101 मिसाइलें दागने के लिए किया. इससे पहले भी इस विमान ने रूस के सारातोव में मिसाइलें दागी थीं. 

अब तक कुल 500 विमान बने

रूस के वोल्गोग्राड और एंगेल्स एयरफील्ड से Tu-95MSM स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स ऑपरेट होते हैं. हाल के हमले में एंगेल्स से इस विमान को उड़ाया गया था. यह विमान सोवियत संघ का पहला अंतरमहाद्वीपीय बमवर्षक था, और इसकी पहली उड़ान 1952 में हुई थी. अब तक कुल 500 विमान बने हैं. 

रूस ने Tu-95MSM बॉम्बर बढ़ाया दहशत

Tu-95 विमान को सोवियत संघ के प्रसिद्ध डिजाइनर आंद्रेई तुपोलेव ने डिजाइन किया था. यह विमान एक बार में 15,000 किलोमीटर की उड़ान भर सकता है. पहले यह विमान यूक्रेन की वायुसेना के पास भी था, लेकिन अब उनके पास एक भी नहीं है.

Tu-95MSM की खासियतें:

- इसे उड़ाने के लिए 6-7 लोग चाहिए होते हैं, जैसे पायलट, को-पायलट, फ्लाइट इंजीनियर, और अन्य ऑपरेटर.
- विमान की लंबाई 151.7 फीट है और विंगस्पैन 164.4 फीट है.
- खाली वजन 90,000 किलोग्राम है, लेकिन टेकऑफ के समय इसका वजन 1.88 लाख किलोग्राम तक हो सकता है.
- इसमें चार इंजन और 8 ब्लेड वाले प्रोपेलर्स लगे होते हैं.
- यह विमान अधिकतम 925 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है, लेकिन सामान्यत: यह 710 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ता है.
- यह 45,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.
- यह विमान बहुत शोर करता है, इसलिए इसके आने का पता पहले से चल जाता है.
- इसके पिछले हिस्से में 23 मिलिमीटर के 2 ऑटोमैटिक गन लगे होते हैं, जो पीछे से आ रहे विमानों से बचाव करते हैं. 

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22 November 2024, 10:05 AM IST

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