Russia Wagner Conflict: रूस की वैगनर आर्मी के चीफ येवेनी प्रीगोझिन के आदेश के बाद रूस में पैदा हुआ फिलहाल खत्म हो गया है। मॉस्को की ओर बढ़ रही रूस की प्राइवेट आर्मी अब रूक गई है। इस बीच घटना से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। अमेरिकी न्यूयॉर्क टाइम्स ने 24 जून यानी की शनिवार को सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसियों पहले से ही संदेह था कि वैगनर चीफ येवेनी प्रीगोझिन अपने सैनिकों के साथ मिलकर रूसी सरकार के खिलाफ किसी बड़ी योजना को अंजाम देने वाले है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन और सैन्य कमांडरों को 21 जून (बुधवार) को ही वैगनर ग्रुप की तैयारियों की जानकारी दी गई थी। इसके बाद गुरुवार को एक ब्रीफिंग आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने हिस्सा लिया।
रिपोर्ट् के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारी को संभावित संघर्ष को लेकर चिंता थी। क्योंकि इससे रूस में अराजकता पैदा होने से परमाणु का खतरा पैदा हो सकता है। 24 जून को वैगनर ग्रुप के विद्रोह के बाद रूस के विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके खिलाफ इस तरह की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।
रूस में शुक्रवार रात को ही वैगनर आर्मी ने बगावत शुरू कर दी थी, जब येवेनी प्रीगोझिन ने रूस के रक्षा मंत्रालय पर वैगनर शिविर पर मिसाइल हमला करने का आरोप लगाया था। इसके बाद वैगनर आर्मी ने भी जवाबी कार्रवाई करने के लिए कहा था। हालांकि, रक्षा मंत्रायल उकसावे वाला बयान करार देते हुए इससे इनकार किया।
वैगनर ग्रुप के विद्रोह को लेकर खुलासा हुआ है। जिसमें कहा जा रहा है कि इस बगावत को लेकर येवेनी प्रीगोझिन और अमेरिका के बीच खुफिया डील हुई थी। पुतिन के सबसे भरोसेमंद प्रीगोझिन ने कभी उनके खिलाफ मोर्चा नहीं खोला है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत हुआ। कहा जा रहा है कि रूस में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे कही न कही अमेरिका का हाथ है। First Updated : Sunday, 25 June 2023