रूस की नई रणनीति: यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली पर तेज हमले की तैयारी
Russia Ukraine war: रूस का उद्देश्य यूक्रेन की ऊर्जा प्रणालियों को नष्ट करके यूक्रेनी जनता को मानसिक रूप से कमजोर करना और सैनिकों के लिए आपूर्ति की स्थिति को मुश्किल बनाना है. रूस यह चाहता है कि यूक्रेनी जनता युद्ध से थक कर आत्मसमर्पण कर दे और यूक्रेन की सैन्य क्षमता में कमी आ जाए.
Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध के लगभग तीन साल पूरे होने जा रहे हैं. 26 फरवरी 2025 को रूस के हमले का तीसरा साल होगा, और इसी दौरान रूस ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. अब रूस यूक्रेन की ऊर्जा प्रणालियों पर लगातार हमले तेज कर रहा है, जिससे यूक्रेन को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन हमलों में रूस ने नए और खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जिससे यूक्रेन की ऊर्जा संरचना को भारी नुकसान हो रहा है.
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री, हर्मन हलुशचेंको ने 3 जनवरी 2025 को एक राष्ट्रीय टेलीथॉन में बताया कि 2024 यूक्रेन के लिए बहुत कठिन रहा. उन्होंने कहा कि रूस ने मार्च से दिसंबर 2024 तक यूक्रेन की ऊर्जा सुविधाओं पर 13 बड़े हमले किए. इनमें रूस ने खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया, जैसे क्लस्टर मुनिशन्स, जो बहुत बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाते हैं.
अब दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा यूक्रेन
रूस ने यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के लिए क्लस्टर मुनिशन्स का इस्तेमाल किया है. इनमें एक बम के अंदर कई छोटे बम होते हैं, जो इलाके में फैल जाते हैं. ये बम अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जैसे कि व्यक्ति या वाहन को नुकसान पहुंचाने वाले, या फिर विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों और रनवे को नष्ट करने वाले. इस तरह के हमलों का उद्देश्य यूक्रेन की ऊर्जा नेटवर्क को नुकसान पहुंचना और मरम्मत में मुश्किलें खड़ी करना है.
ऐसा हमला करने जा रहा रूस
रूस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए नए और खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया है. इनमें प्रमुख हैं ख-101 मिसाइल, जो क्लस्टर मुनिशन्स को छोड़ने में सक्षम हैं. इसके अलावा, रूस ने RBK-500 बमों, उरागन और स्मर्च रॉकेटों, और इस्कंदर-M बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया है, जिनमें छोटे बम होते हैं. इन हथियारों का उद्देश्य बड़े इलाकों में विस्फोट करके ऊर्जा सुविधाओं और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान पहुँचाना है.
बनाई नई स्ट्रैटेजी
रूस के हमले यूक्रेन के लिए और भी कठिन हो गए हैं क्योंकि सर्दी का मौसम है और ऊर्जा की मांग बहुत ज्यादा है. इस दौरान बिजली की भारी कमी से न केवल आम जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि अस्पतालों और स्कूलों जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को भी नुकसान हो रहा है. बिजली की कटौती के कारण यूक्रेन की जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और लोग अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं.