रूस का Su-57 बनाम अमेरिका का F-35, भारत के लिए कौन सा विमान है बेहतर विकल्प

भारत 10 से 15 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन में एयरो इंडिया 2025 का आयोजन कर रहा है. यह एक बड़ा एयर शो और विमानन प्रदर्शनी है, जो हर दो साल में होती है. एयरो इंडिया भारत की प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस प्रदर्शनी है, जहां दुनिया भर के एयरोस्पेस विक्रेता और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपनी हवाई कलाबाजियों से दर्शकों को हैरान कर देते हैं.

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भारत 10 से 15 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन में अपना मेगा एविएशन शो, एयरो इंडिया 2025 आयोजित कर रहा है. यह एक द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी है, जिसमें भारतीय वायु सेना (IAF) और वैश्विक एयरोस्पेस विक्रेता हवाई प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित करते हैं.

एयरो इंडिया में रूसी वायु सेना का Su-57 विमान एक प्रमुख आकर्षण होगा. इसे रूस का सबसे उन्नत फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान माना जाता है और यह अमेरिकी F-35 और चीनी J-20 के मुकाबले में है. इसलिए येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर इसका प्रदर्शन भारतीय वायु सेना का ध्यान आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.

भारतीय वायु सेना के लिए एक अहम फैसला

इस एयर शो में Su-57 का प्रदर्शन खास है, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल भारत यात्रा पर आ सकते हैं. उनकी यात्रा के दौरान भारत को Su-57 विमान देने का प्रस्ताव हो सकता है, साथ ही दोनों देश मिलकर "मेक इन इंडिया" पहल के तहत 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का सह-निर्माण भी कर सकते हैं.

Su-57 की ताकत या F-35 की तकनीक?

विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की यात्रा भारत के लिए रूस के साथ अपने रक्षा और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का बेहतरीन अवसर होगी. इसमें भारतीय वायु सेना के पुराने विमानों को उन्नत करने के लिए Su-57 जैसे आधुनिक विमानों को खरीदने पर भी चर्चा हो सकती है.  रूस ने Su-57 के लिए कुछ नई सुविधाओं की पेशकश की है, जैसे स्टेल्थ, एवियोनिक्स और लड़ाई क्षमता में सुधार, और इसमें हाइपरसोनिक हथियारों का इंटिग्रेशन भी हो सकता है.

Su-57 और F-35 के बीच कौन जीतेगा?

Su-57, जो सुखोई द्वारा विकसित किया गया है, हाल ही में रूसी वायु सेना में शामिल हुआ है. इसे दुनिया के सबसे उन्नत स्टेल्थ फाइटर जेट्स में से एक माना जाता है, जो स्टेल्थ, गति और गतिशीलता के मामले में अत्याधुनिक है. भारत की वायु सेना वर्तमान में 250 से ज्यादा Su-30MKI विमानों का संचालन कर रही है, और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास रूसी लड़ाकू विमानों का लाइसेंस-उत्पादन का अनुभव है. 

भारत के लिए अगला लड़ाकू विमान

रूस और भारत ने 2007 में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए समझौता किया था. इस समझौते के तहत, HAL और सुखोई मिलकर Su-57 के उन्नत संस्करण पर काम कर सकते हैं. अगर यह सौदा पक्का हो जाता है और Su-57 का निर्माण शुरू होता है, तो यह रूस और भारत के बीच एक और मजबूत सहयोग होगा, जैसा कि सोवियत संघ के समय था. First Updated : Saturday, 11 January 2025