Russia-Ukraine War: कल भारत की यात्रा पर आएंगी यूक्रेन की विदेश उपमंत्री, जंग के बीच किसी यूक्रेनी मंत्री का पहला भारत दौरा

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेश उपमंत्री एमीन झापरोवा कल भारत के दौरे पर आएंगी। पिछले साल फरवरी में जंग शुरू होने के बाद यह यूक्रेन के मंत्री यह पहला भारत दौरा होगा। इसके बाद दुनिया भर की नजरें यूक्रेनी मंत्री के दौरे पर है।

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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेनी उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा भारत दौरे पर आ रही है। जानकारी के मुताबिक, झापरोवा रविवार यानी की कल चार दिवसीय भारत की यात्रा पर आ सकती है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे युद्ध को लेकर भारत के साथ चर्चा करेंगी। एमीन झापरोवा इस यात्रा के बाद युद्ध के बीच भारत आने वाली पहली यूक्रेनी मंत्री होगी। ज्ञात हो कि पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से कोई भी यूक्रेनी मंत्री भारत दौरे पर नहीं आया है। 

विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, यूक्रेनी विदेश उप मंत्री भारत से यूक्रेन के समर्थन और मानवीय सहायता हासिल करने की कोशिश कर सकती है। अपनी यात्रा के दौरान झापरोवा विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा करेंगी। साथ ही यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है। दरसअल, इस साल जुलाई में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत का दौरा करते सकते है। ऐसे में यूक्रेनी मंत्री का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।

विदेश मंत्रालय की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत ने पिछले 30 वर्षों के राजनयिक संबंधों में यूक्रेन के साथ अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग को साझा किया है। साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेनी मंत्री इस साल सितंबर में नई दिल्ली में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को आमंत्रित करने का सुझाव भी दे सकती है। साथ ही यूक्रेन में मानवीय सहायता के लिए भी आग्रह कर सकती है। जिसमें क्षतिग्रस्त बिजली के बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और ऊर्जा उपकरण शामिल है।

भारत पहले ही कर चुका शांति की अपील 

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को एक साल से अधिक का समय हो गया है। दुनिया भर के देश इस जंग को लेकर शांति की अपील कर चुके है। बावजूद इसके दोनों देशों के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध को लेकर भारत भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारत पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों देशों से शांति की अपील कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्ध को लेकर कहा था कि यह युग युद्ध का युग नहीं है। भारत ने सार्वजनिक रूप से भी कहा है कि  कूटनीति और बातचीत ही समाधान का एकमात्र तरीका है। 

विदेश उपमंत्री पीएम मोदी को कर सकती है आमंत्रित

पिछले साल अक्टूबर में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर फोन पर बातचीत की थी। उस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि भारत शांति के किसी भी प्रयासों में योगदान देने के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, यूक्रेनी उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कीव दौरे का आमंत्रण दे सकती है।  First Updated : Saturday, 08 April 2023