Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 पर एस जयशंकर का बयान, मिशन की सफलता पर हो रही भारत की तारीफ
Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का तीसरा मिशन था, और चंद्रमा की सतह पर साफ्ट-लैंडिंग करने का वैज्ञानिकों की दूसरी कोशिश थी.
हाइलाइट
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने में सफल रहा है.
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चंद्रयान-3 को लेकर अपनी बात रखी है.
Chandrayaan 3: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते दिन यानि शुक्रवार को अपने एक बयान में बताया कि, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत का सबसे बड़ा मिशन चंद्रयान-3 की सफल साफ्ट लैंडिंग देश के लिए बड़ी बात है. इस कार्य के लिए दुनिया के लोगों ने भी प्रशंसा की है. दरअसल उन्होंने ये बात एक कार्यक्रम के दौरान कही है, उनका कहना है कि, भारत की रणनीति अधिकतम करने और जोखिमों को कम से कम करने की है. क्योंकि इस तरह के कार्य प्रौद्योगिकी में विकास को बढ़ावा देगा.
भारतीय वैज्ञानिकों ने किया प्रयास
एस जयशंकर ने बताया कि, जब चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सही सलामत उतरा तब, मैं ब्रिक्स बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मौजूद था, मैं आपको नहीं बता सकता कि इस बैठक का कितना प्रभाव पड़ा है. बता दें कि ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन है. आगे उन्होंने बताया कि, वहां अफ्रीकी देशों के कई नेता उपस्थित थे.
देशभर के लोगों का एक समूह अगर आपके काम और देश की प्रशंसा कर रहा है तो, ये समझ जाना चाहिए कि देश आगे बढ़ रहा है. इतना ही नहीं नेताओं ने बताया कि, आपने कर दिखाया. दरअसल चंद्रयान-3 चंद्रमा पर भारत का तीसरा मिशन था, और चंद्रमा की सतह पर साफ्ट-लैंडिंग करने का वैज्ञानिकों की दूसरी कोशिश थी.
दक्षिणी ध्रुप पर पहुंचने वाला पहला देश भारत
चीन, रूस, अमेरिका के बाद भारत चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश है. साथ ही दक्षिणी ध्रुव को छूने वाला पहला देश, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने में सफल रहा है. जबकि जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चंद्रयान-3 को लेकर अपनी बात रखी है. आगे उन्होंने ये कहा कि जब भी कोई भारत के बारे में अपना विचार रखता है तो, भारत की सभ्यता, परंपरा सबसे पहले याद आती है.