एक बार फिर टेररिस्ट अटैक से दहला आतंकियों का आका पाकिस्तान, 11 सैनिकों की हुई मौत, TTP ने ली जिम्मेदारी

Terrorist Attack in Pakistan: पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी हमलों से दहल दहल उठा है. हाल ही में डेरा इस्माइल खान के द्रबन में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों ने हमला किया. रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में फ्रंटियर कोर के 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है, जबकि 3 अन्य घायल हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है.

Amit Kumar
Amit Kumar

Terrorist Attack in Pakistan: आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी हमलों से दहल दहल उठा है. हाल ही में डेरा इस्माइल खान के द्रबन में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों ने हमला किया. रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में फ्रंटियर कोर के 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है, जबकि 3 अन्य घायल हुए हैं. मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. इस चौकी का संचालन फ्रंटियर कांस्टेबुलरी द्वारा किया जा रहा था. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. 

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, हमले के तुरंत बाद जवानों की एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया.  हालांकि, अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है.  स्थानीय पुलिस और पाक सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. 

टीटीपी ने ली हमले की जिम्मेदारी 

पाकिस्तान में हुए इस हमले  की तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने जिम्मेदारी ली है.  टीटीपी पहले भी पाकिस्तान में कई आतंकवादी हमले कर चुका है. पाकिस्तान की सरकार अक्सर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाती रही है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच कई बार टकराव भी हो चुका है. 

आखिर क्या है TTP का मकसद?

टीटीपी, जो अफगानिस्तान में सत्ता में काबिज तालिबान का एक हिस्सा है, एक सुन्नी इस्लामवादी और पश्तून समर्थक आंदोलन है. इसकी स्थापना 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का गठन 2007 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ किया गया था.

 इसमें कई छोटे और बड़े आतंकवादी समूह शामिल हैं. टीटीपी का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस्लामाबाद के प्रभाव को खत्म करना है, साथ ही पूरे पाकिस्तान में शरिया कानून को लागू करना है. 
 

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25 October 2024, 05:09 PM IST

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