Saudi Arabia economy: सऊदी अरब देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से मुक्त करने के लिए उधारी में लगातार वृद्धि कर रही है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत सऊदी अरब में कई बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जिनमें नई तकनीकों, शहरों, खेल, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों पर भारी निवेश शामिल है. इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार को भारी धनराशि की आवश्यकता है.
ऐसे में साल 2025 में भी सऊदी सरकार अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड जारी करने और कर्ज लेने की योजना पर काम कर रही है. 2024 में सऊदी अरब उभरते बाजारों में सबसे बड़े बॉन्ड जारीकर्ताओं में शामिल था, और इस रफ्तार को 2025 में भी बनाए रखने की उम्मीद है. बजट घाटे को कवर करने और प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं.
सऊदी अरब ने 2024 में 17 अरब डॉलर के अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बेचे, जो उभरते बाजारों में रोमानिया के बाद दूसरे स्थान पर है. अब 2025 में भी इसी गति से उधारी जारी रहेगी. इसके अलावा, सरकार अपने वित्त पोषण को अन्य मुद्राओं तक विस्तार देने की योजना बना रही है.
नेशनल डेट मैनेजमेंट सेंटर (NDMC) के मुताबिक, 2025 में सऊदी सरकार की वित्तीय जरूरतें 139 अरब रियाल (37 अरब डॉलर) तक पहुंच सकती हैं। इसमें से 100 अरब रियाल बजट घाटे को कवर करने के लिए इस्तेमाल होंगे.
बॉन्ड के अलावा, सऊदी सरकार तीन बैंकों से 2.5 अरब डॉलर की रिवॉल्विंग क्रेडिट सुविधा भी लेगी। इन बैंकों में अबू धाबी इस्लामिक बैंक, क्रेडिट एग्रीकोल एसए, और दुबई इस्लामिक बैंक शामिल हैं.
विजन 2030 एजेंडे के तहत सऊदी अरब नए शहरों, खेल, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों पर सैकड़ों अरब डॉलर खर्च कर रहा है। हालांकि, ब्रेंट क्रूड की कीमत 76 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि सऊदी अरब का बजट संतुलित करने के लिए 90 डॉलर प्रति बैरल की जरूरत है।
उच्च खर्च के बावजूद, सऊदी अरब की बैलेंस शीट मजबूत है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने देश की क्रेडिट रेटिंग को A1 से Aa3 तक बढ़ा दिया है, जो फ्रांस और यूके के बराबर है।
आपको बता दें कि सऊदी सरकार का यह कदम देश को तेल पर निर्भरता से मुक्त कर एक नई दिशा में ले जाने का है. हालांकि, इसके लिए वित्तीय संतुलन और उधारी प्रबंधन की अहम भूमिका होगी. इसलिए सऊदी अरब की सरकार नया कर्ज लेने की योजना में है. First Updated : Wednesday, 08 January 2025