स्कॉलर बदर खान सूरी को अमेरिका से नहीं किया जाएगा डिपोर्ट, अदालत ने लगाई रोक...ट्रंप को बड़ा झटका

अमेरिका की एक अदालत ने भारतीय मूल के बदर खान सूरी के डिपोर्टेशन पर रोक लगा दी. इससे पहले होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के अधिकारियों ने बदर सूरी को गिरफ्तार कर डिपोर्ट करने की तैयारी कर ली थी. वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला जज पैट्रिशिया टोलिवर गिल्स ने आदेश दिया कि बदर खान सूरी को तब तक संयुक्त राज्य अमेरिका से नहीं निकाला जाएगा, जब तक कि अदालत कोई आदेश जारी न कर दे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अमेरिका की एक अदालत ने गुरुवार को जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक पोस्टडॉक्टरल स्कॉलर के डिपोर्टेशन पर रोक लगा दी और अधिकारियों को आदेश दिया कि जब तक अदालत कोई आदेश नहीं देती तब तक उसे डिपोर्ट नहीं किया जाए. भारतीय मूल के रिसर्चर बदर खान सूरी को बुधवार को गिरफ्तार कर डिपोर्ट करने की तैयारी कर ली थी. हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद ट्रंप को बड़ा झटका लगा है. वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला जज पैट्रिशिया टोलिवर गिल्स ने आदेश दिया कि बदर खान सूरी को तब तक संयुक्त राज्य अमेरिका से नहीं निकाला जाएगा, जब तक कि अदालत कोई आदेश जारी न कर दे.

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग दिए ये आदेश

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने एक्स से कहा कि बदर खान सूरी के बारे में कहा जाता है कि उसके किसी ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादी से करीबी संबंध हैं. सूरी के वकीलों ने मंगलवार को ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के माध्यम से उसकी तत्काल रिहाई और निर्वासन कार्यवाही को रोकने की मांग की.

पत्नी के कारण निशाना बनाया गया 

सूरी के वर्जीनिया स्थित वकील हसन अहमद ने अदालत में दायर एक फाइलिंग में लिखा कि सूरी को उनकी पत्नी की फिलिस्तीनी पहचान और उनके संवैधानिक रूप से संरक्षित भाषण के कारण निशाना बनाया गया. अदालती फाइलिंग में कहा गया है कि सूरी और उनकी पत्नी, मफेज़ सालेह को लंबे समय से बदनाम किया जा रहा है. आलोचकों ने सालेह की तस्वीर को ऑनलाइन प्रकाशित किया है, जिसमें अल जजीरा के साथ उनकी पूर्व नौकरी और गाजा शहर में उनके जन्मस्थान की जानकारी शामिल है. उनके वकील ने कहा कि सूरी को उनके परिवार और वकील से 1600 किमी से अधिक दूर हिरासत में लेना "स्पष्ट रूप से सूरी के संरक्षित भाषण के लिए प्रतिशोध और दंड के रूप में इरादा है.

विरोधी आवाज को दबाना चाहते हैं ट्रंप

सूरी वर्तमान में वाशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के एडमंड ए वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिस्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं. अलवलीद सेंटर ने एक बयान में कहा कि सूरी की गिरफ्तारी ट्रंप प्रशासन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका में हाई एजुकेशन को नष्ट करने और अपने राजनीतिक विरोधियों को दंडित करने के अभियान का हिस्सा थी.

जॉर्जटाउन में मध्य पूर्व और इस्लामी राजनीति के प्रोफेसर नादेर हाशमी ने बताया कि सूरी अपने रिसर्च और शिक्षण पर गहन रूप से केंद्रित थे. उन्हें फिलिस्तीनियों के लिए गहरी एकजुटता और सहानुभूति महसूस हुई, लेकिन कैंपस में बाहरी तौर पर वह राजनीतिक नहीं थे.

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21 March 2025, 07:51 AM IST

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