बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के हवाले से एक अखबार ने अमेरिका के खिलाफ एक चौकाने वाला आरोप लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक हसीना ने दावा किया है कि, उन्हें पद से हटाने में वाशिंगटन की भूमिका हो सकती है. उन्होंने अमेरिकी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, उन्हें सत्ता से हटाने का प्रयास किया गया है क्योंकि उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप पर नियंत्रण छोड़ने से इनकार कर दिया था. हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद ने इस दावे से इनकार करते हुए कहा कि शेख हसीना ने ऐसी कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
बता दें कि सजीब वाजेद ने रविवार को कहा कि उनकी मां ने 5 अगस्त को विरोध प्रदर्शनों के बीच ढाका से भागने से पहले कोई बयान नहीं दिया था. उनकी टिप्पणी उन रिपोर्टों के बाद आई है जिनमें कहा गया था कि हसीना को सेना द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने का अवसर नहीं दिया गया था और अपने तैयार भाषण में उन्होंने कथित तौर पर अमेरिका पर उन्हें पद से हटाने में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था.
शेख हसीना के बेटे ने इस दावे को खारिज करते हुए एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां के नाम से हाल ही में दिया गया इस्तीफा पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है. मैंने अभी उनसे पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया है.' इससे पहले, रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिए गए भाषण में हसीना ने कहा था कि अगर उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका को सौंप दिया होता तो उनकी सरकार बच जाती.
दरअसल, मार्टिन द्वीप बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है. इस द्वीप का क्षेत्रफल केवल तीन वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 3,700 निवासी रहते हैं. यहां मुख्य रूप से मछली पकड़ने, चावल की खेती, नारियल की खेती और समुद्री शैवाल की कटाई होती है जिसे सुखाया जाता है और म्यांमार को निर्यात किया जाता है. इस द्वीप की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जो इसे रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाती है. बता दें कि यहां से दुनिया में कही भी समुद्र के रास्ते जाया जा सकता है. इतना ही नहीं, इस द्वीप से न सिर्फ बंगाल की खाड़ी बल्कि आस-पास के पूरे इलाके पर नजर रखी जा सकती है. ऐसे में सामरिक रूप से सेंट मार्टिन द्वीप का खासा महत्व है.
1971 में देश के अस्तित्व में आने के बाद से सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश की राजनीति पर हावी रहा है. बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता और म्यांमार के साथ समुद्री सीमा के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से अमेरिका और चीन की इस द्वीप का उपयोग क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में करने में रुचि पैदा हुई है. पिछले साल जून में शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने अमेरिका से वादा किया है कि अगर वो चुनाव में जीतने में उनकी मदद करते हैं तो वो सैन्य अड्डा बनाने के लिए इस द्वीप को अमेरिका को दे देंगे.
First Updated : Monday, 12 August 2024