पाकिस्तान में खून के प्यासे बने शिया-सुन्नी, 10 की कर दी हत्या

Pakistan Shia-Sunni Clash: पाकिस्तान के भीतर स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. शिया-सुन्नी की जंग में लगातार लोगों की जानें जा रही हैं. एक बार फिर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी आपसप में भिड़े हैं, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई. 

calender

Pakistan Shia-Sunni Clash: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सुन्नी और शिया समुदायों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हालिया हिंसा के दौरान कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए. यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में मंगलवार को हुई, जो अफगानिस्तान की सीमा के करीब स्थित है. पुलिस ने बताया कि ये झड़पें समुदायों के बीच जारी तनाव और विवाद के कारण हुई हैं.

पुलिस के अनुसार, कुर्रम जिले में अलीजाई और बागान समुदायों के बीच संघर्ष पिछले सप्ताह शुक्रवार को शुरू हुआ था. इससे पहले बृहस्पतिवार को पाराचिनार के पास एक यात्री काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 47 लोग मारे गए थे. इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को हुई हिंसा में भी 37 लोग जान गंवा बैठे थे. हालांकि, इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली थी. शिया और सुन्नी समुदायों के बीच तनाव को कम करने के लिए प्रांतीय सरकार और दोनों समुदायों के बुजुर्गों के बीच बातचीत के बाद रविवार को एक सात दिन का संघर्ष विराम घोषित किया गया था. बावजूद इसके, हिंसा और छिटपुट झड़पें जारी हैं.

फिर से शुरू हुआ संघर्ष

मंगलवार को कुर्रम जिले के घोजागरी, मातासानगर और कुंज अलीजई इलाकों में फिर से संघर्ष हुआ. इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुर्रम जिले के उपायुक्त जावेदउल्ला महसूद ने बताया कि हंगू, ओरकजई और कोहाट जिलों के बुजुर्गों का एक जिरगा (कबायली परिषद) शत्रुता को समाप्त करने के लिए कुर्रम का दौरा करेगा. इस जिरगा का उद्देश्य शांति स्थापित करने के लिए मध्यस्थता करना है और कोहाट के आयुक्त शांति प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.

यह स्थिति पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि पाकिस्तान की कुल आबादी में शिया मुसलमान लगभग 15 प्रतिशत हैं. हालांकि, सामान्यतः दोनों समुदायों के बीच शांति बनाए रखने की कोशिश की जाती है, लेकिन कुर्रम जिले में पिछले कुछ वर्षों से तनाव बढ़ा हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह हिंसा मुख्य रूप से भूमि विवादों के कारण उत्पन्न हुई है. 

अस्पतालों में नहीं बची दवाईयां

कुर्रम जिले में इस हिंसा के कारण स्थानीय अस्पतालों में दवाइयों की कमी हो गई है, क्योंकि पाराचिनार की ओर जाने वाली सड़कें बंद हो चुकी हैं. स्थानीय अधिकारियों ने इस संकट को समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास शुरू किए हैं, ताकि समुदायों के बीच शांति स्थापित की जा सके. First Updated : Wednesday, 27 November 2024