2 से सात साल के 42 मासूमों की बलि: देवता को खुश करने की खौ़फनाक प्रथा
मेक्सिको में 42 बच्चों की बलि देने की सनसनीखेज घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. शोध के मुताबिक, यह बलि अनुष्ठान एजटेक सभ्यता से जुड़ा हुआ था, जिसमें मासूम बच्चों की हत्या देवताओं की पूजा के लिए की जाती थी. नए अनुसंधान में एजटेक समाज के मानव बलि अनुष्ठान की गहरी जानकारी सामने आई है, जिससे इस प्राचीन संस्कृति के रहस्यों का खुलासा हुआ है.
इंटरनेशनल न्यूज. इंसानी इतिहास कई खतरनाक घटनाओं से भरा हुआ है, जिनमें से एक घटना मेक्सिको से जुड़ी है. यहां 15वीं सदी में बच्चों की सामूहिक बलि दी गई थी. इस घटना का एक नया पहलू सामने आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि यह बलि बारिश के देवता ट्लालोक को खुश करने के लिए दी गई थी. पुरातत्वविदों द्वारा प्रस्तुत किए गए नए शोध के मुताबिक, यह बलि 1452 से 1454 के बीच में हुए एक विनाशकारी सूखे के कारण दी गई थी.
कंकालों की खोज
1980 और 1981 में मेक्सिको सिटी के एक मंदिर में 2 से 7 साल की उम्र के कम से कम 42 बच्चों के कंकाल के अवशेष मिले थे। इन कंकालों को रेत की परत में राख के बक्से में दफन किया गया था. शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ बच्चों के मुंह में हार और पत्थर के मोती थे, और उनके शरीर सिकुड़े हुए थे. यह कंकाल 550 साल से भी पुराने थे. अब, इस सामूहिक बलि को लेकर एक नई थ्योरी सामने आई है, जो इसे देवताओं को प्रसन्न करने के एक प्रयास के रूप में देखती है.
सूखा और बलि का संबंध
नेशनल कॉलेज में आयोजित एक शोध बैठक में यह नया दृष्टिकोण पेश किया गया, जिसमें यह बताया गया कि बच्चों की बलि को बारिश के देवता के लिए दी गई थी, ताकि सूखा समाप्त हो सके. 1452 से 1454 के बीच मेक्सिको में एक भयानक सूखा पड़ा था, जिससे कृषि पर गंभीर असर पड़ा था. यह सूखा उन दिनों के एज़टेक लोगों के लिए एक अभूतपूर्व संकट था, और इसने उन्हें देवताओं से मदद की गुहार लगाने के लिए मजबूर किया.
सूखा और संकट
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंथ्रोपोलॉजी एंड हिस्ट्री के डायरेक्टर लियोनार्डो लोपेज लुजान के अनुसार, इस सूखे के कारण एज़टेक लोग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बलि चढ़ाते रहे. शुरुआत में अकाल के प्रभाव को कम करने के लिए शाही अन्न भंडार से अनाज वितरित किया गया, लेकिन जैसे-जैसे सूखा बढ़ता गया, लोगों ने देवताओं की पूजा और बलि देने की प्रक्रिया को जारी रखा. लोपेज ने बताया कि सूखा इतना गंभीर था कि राज्य को लोगन के पलायन की इजाजत देनी पड़ी.
शोध और परिणाम
इस घटना की गहराई से जांच के लिए शोधकर्ताओं ने मैक्सिकन सूखा एटलस और भूवैज्ञानिक डेटा का अध्ययन किया. इस शोध से यह स्पष्ट हुआ कि 1452 से 1454 के बीच एक बड़े सूखे ने मध्य मेक्सिको को प्रभावित किया था. लोपेज ने कहा कि यह सूखा राजा मोक्टेजुमा प्रथम के शासनकाल के दौरान हुआ था, और इसने कृषि उत्पादन पर गंभीर असर डाला था, जिससे संकट और भी गहरा हो गया. यह नए शोध से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की सामूहिक बलि सूखा और अकाल को समाप्त करने के लिए दी गई थी, जो उस समय के लोगों के लिए एक कष्टपूर्ण और अनोखा प्रयास था।