इंटरनेशनल न्यूज. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुए हालिया सर्वेक्षण में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। 60 वर्षीय कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं, जबकि 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी हैं। ऐसे में चुनावी माहौल और गर्म हो गया है, जब एक गिलहरी और एक रैकून की मौत ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। यह मुद्दा इतना बड़ा हो गया कि इसे उद्योगपति एलन मस्क से लेकर ट्रंप जैसे प्रभावशाली लोगों ने जोरशोर से उठाया है।
पीनट गिलहरी और फ्रेड रैकून की मौत का विवाद
न्यूयॉर्क के निवासी मार्क लॉन्गो की पीनट नाम की गिलहरी और फ्रेड नामक रैकून की मौत ने प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा उभारा है। न्यूयॉर्क राज्य पर्यावरण संरक्षण विभाग (NYSDEC) के अधिकारियों ने रेबीज टेस्ट के बाद पीनट गिलहरी को मार (यूथेनाइज) दिया। इसी प्रकार, फ्रेड रैकून को भी यूथेनाइज किया गया। इन पालतू जानवरों की मौत के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया, और सोशल मीडिया पर NYSDEC के खिलाफ जबरदस्त आलोचना शुरू हो गई। हालात यहां तक पहुंच गए कि विभाग के अधिकारियों को अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट्स प्राइवेट करने पड़े।
सोशल मीडिया पर चर्चित गिलहरी, ट्रंप ने उठाया मुद्दा
पीनट गिलहरी सोशल मीडिया पर काफी मशहूर थी, और उसके लाखों फॉलोवर्स थे। जब उसकी मौत की खबर फैली, तो लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। देखते ही देखते, पीनट गिलहरी X और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करने लगी। डोनाल्ड ट्रंप ने इस मौके को भुनाते हुए इसे डेमोक्रेटिक सरकार की 'क्रूरता' बताया। यह मामला इतना गंभीर बन गया कि NYSDEC, जो रोजाना कुछ न कुछ पोस्ट करता था, पिछले पांच दिनों से पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है।
चुनावी गणित पर पीनट और फ्रेड की मौत का असर
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या पीनट और फ्रेड की मौत से दुखी लोग ट्रंप को समर्थन देंगे। यह पहली बार नहीं है जब पालतू जानवरों का मुद्दा अमेरिकी चुनावों में उछला है। इससे पहले भी रिपब्लिकन नेताओं ने प्रवासी अमेरिकियों पर आरोप लगाया था कि वे स्थानीय पालतू जानवरों को मारकर खा रहे हैं। इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर काफी बहस छेड़ दी थी। अब, चुनावों से ठीक पहले पीनट और फ्रेड की मौत डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ एक नई नाराजगी पैदा कर सकती है। हो सकता है कि यह मामला उन वोटर्स को रिपब्लिकन पार्टी के पक्ष में ले जाए, जो अब तक असमंजस में थे। First Updated : Tuesday, 05 November 2024