कौन हैं श्रीलंका के नए राष्ट्रपति दिसानायके भारत के खिलाफ चलते हैं चालें

President Election In Srilanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों में अनुरा कुमारा दिसानायके ने 53% वोटों के साथ बढ़त बनाई है. ये चुनाव पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों के बाद हो रहे हैं. उनकी पार्टी भ्रष्टाचार और आर्थिक सुधार की वकालत कर रही है. क्या वे अपनी बढ़त को बनाए रखेंगे इस चुनाव का परिणाम श्रीलंका के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.

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President Election In Srilanka: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावों का दौर चल रहा है और इस बार एक नया नाम सुर्खियों में है वो है अनुरा कुमारा दिसानायके. मार्क्सवादी विचारधारा के नेता, दिसानायके ने शुरुआती रुझानों में 53% वोटों के साथ शानदार बढ़त बनाई है. यह चुनाव श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण है खासकर जब पिछले साल देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को पद छोड़ना पड़ा था.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 75% योग्य मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें से दिसानायके ने 53% मत प्राप्त किए हैं. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा, केवल 22% मतों के साथ दूसरे स्थान पर हैं जबकि मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे तीसरे स्थान पर हैं. जिससे यह स्पष्ट है कि दिसानायके की लोकप्रियता में तेजी आई है खासकर भ्रष्टाचार और आर्थिक अस्थिरता के बीच. 

अनुरा कुमारा दिसानायके का एक परिचय

55 वर्षीय अनुरा कुमारा दिसानायके, जनता विमुक्ति पेरेमुना (जेवीपी) पार्टी के नेता हैं और नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी पार्टी ने श्रीलंका की गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूत सरकारी हस्तक्षेप, कम कर और अधिक खुली बाजार नीतियों का समर्थन किया है.

दिसानायके का नाम राजनीतिक विमर्श में नया नहीं है. उनकी पार्टी ने 2022 में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जब देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में थी. इस समय देश ने आवश्यक वस्तुओं की व्यापक कमी और उच्च मुद्रास्फीति का सामना किया है. इस स्थिति ने लोगों के बीच निराशा और असंतोष को बढ़ावा दिया है जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा विरोध आंदोलन हुआ, जिसे 'अरागालय' के नाम से जाना जाता है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज

जेवीपी और दिसानायके ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद, उनके नेतृत्व के शून्य ने नागरिकों के बीच सामाजिक न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का एक नया अवसर प्रदान किया. दिसानायके की वकालत ने उन्हें एक मजबूत विकल्प बना दिया है भले ही उनकी पार्टी के पास संसद में केवल तीन सीटें हों.

भविष्य की दिशा

अनुरा कुमारा दिसानायके की बढ़ती लोकप्रियता और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे इस बात का संकेत हैं कि श्रीलंका के लोग बदलाव की तलाश में हैं. वे भ्रष्टाचार, आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील हैं. यदि दिसानायके अपनी बढ़त बनाए रखने में सफल रहते हैं तो यह न केवल उनकी पार्टी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है.

इस चुनाव के परिणाम सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि श्रीलंका के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे. दिसानायके की सोच और उनकी नीतियां यह तय करेंगी कि देश किस दिशा में आगे बढ़ता है. ऐसे में उनकी यात्रा पर नजर रखना आवश्यक होगा, क्योंकि चुनाव परिणाम श्रीलंका की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकते हैं. 

First Updated : Sunday, 22 September 2024