Canada: कनाडा में स्थित ब्रैम्पटन शहर में हिंदू मंदिर पर हुए खालिस्तानी हमले के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पील क्षेत्रीय पुलिस ने 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार किया, जिन पर आरोप है कि उन्होंने मंदिर के बाहर प्रदर्शनकारी समूह के साथ मिलकर हिंसा फैलाने और हमले में भाग लिया था. इस हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कड़ी निंदा की थी.
ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमला
पिछले हफ्ते, ब्रैम्पटन स्थित एक हिंदू मंदिर में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास के कार्यक्रम को बाधित कर दिया था. इन प्रदर्शनकारियों ने बैनर उठाए हुए थे और मंदिर के बाहर मौजूद लोगों पर लाठियों से हमला किया था. इस घटना ने कनाडा में हिंदू समुदाय में गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है. पुलिस ने इस मामले में इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार किया और उसे बाद में न्यायालय में पेश होने के लिए रिहा कर दिया.
तीन अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं
इससे पहले, कनाडा की पुलिस ने हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के बाद खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और हिंदू विरोधी घृणा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. पील पुलिस ने 'उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन' (CoHNA) द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा कि ये गिरफ्तारियां उन घटनाओं के बाद की गईं, जब प्रदर्शनकारी मिसिसॉगा में दो अलग-अलग स्थानों पर पहुंचे थे और हिंसा फैलाई थी.
भारत ने जताई चिंता
भारत सरकार ने इस हमले के बाद कनाडा सरकार से भारतीय नागरिकों और पूजा स्थलों की सुरक्षा की गहरी चिंता जताई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोका जाना चाहिए और कनाडा सरकार से आग्रह किया कि वह अपनी धरती पर भारतीय पूजा स्थलों की रक्षा सुनिश्चित करे.
खालिस्तानी खतरे को लेकर भारत की सख्ती
भारत लंबे समय से यह दावा करता रहा है कि कनाडा खालिस्तानी अलगाववादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है, जो भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, हाल के हमलों की योजना बड़े स्तर पर बनाई गई थी और संभवतः इन्हें उच्चस्तरीय निर्देश मिले थे. सूत्रों ने यह भी बताया कि इन हमलों में कनाडा की कुछ राज्य मशीनरी, खासकर पुलिस अधिकारी हरिंदर सोही, का समर्थन था.
ट्रूडो का बयान: खालिस्तान समर्थक कनाडा में हैं
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में यह स्वीकार किया कि उनके देश में खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते. इस बयान से यह स्पष्ट हुआ कि कनाडा सरकार खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन करती है, जैसा कि भारत लगातार आरोप लगाता रहा है.
क्या है आगे का रास्ता?
कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के बढ़ने से भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है. इस घटना के बाद, भारत ने कनाडा से यह अपील की है कि वह अपने देश में भारतीय नागरिकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा को लेकर अधिक गंभीर हो. कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी तेज हो गई है.
कनाडा में हिंदू समुदाय अब इन घटनाओं को लेकर और अधिक सतर्क हो गया है और भारतीय दूतावास ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है. आगे की जांच में यह देखना होगा कि कनाडा की सरकार इस मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है और क्या खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. First Updated : Sunday, 10 November 2024