Doomsday Fish: काफी बार धरती पर तबाही को लेकर अफवाहें फैल चुकी हैं, लेकिन हर बार ये गलत ही साबित हुई है. ऐसे में मशहूर बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस ने आने वाले सालों में प्रलय को लेकर पहले ही भविष्यवाणी कर डाली हैं. इसी बीच अब एक ऐसी खबर सामने आ रही हैं, जिसके बारे में जब आप जानेंगे तो आप भी सकते में आ जाएंगे. दरअसल, साउथ कैलिफोर्निया के एंसीनिटास बीच पर तीसरी बार मरी हुई ओरफिश मछली मिली हैं. ये कोई आम मछली नहीं हैं, बल्कि जापानी लोककथाओं की मानें तो इस मछली को एक बुरा संकेत माना जाता हैं. इस मछली को वहां "डूम्सडे फिश" या "आखिरी दिन की मछली" कहा जाता है. इसे समझने के लिए आप इस मछली को "प्रलय की मछली" कह सकते हैं.
साउथ कैलिफोर्निया के एंसीनिटास बीच पर 6 नवंबर को 10 फीट लंबी मरी हुई ओरफिश मिली. इस साल यह तीसरी बार है जब कैलिफोर्निया में इस दुर्लभ मछली का मामला सामने आया है. सिप्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी की पीएचडी छात्रा एलिसन लैफेरियर ने इसे तट पर देखा.
जापानी लोककथाओं में ओरफिश को "डूम्सडे फिश" या "आखिरी दिन की मछली" कहा जाता है. इसे आने वाले भूकंप का संकेत माना जाता है. इस विश्वास का संबंध जापान की 17वीं सदी से है. ओरफिश को समुद्र देवता र्युझिन के सेवक के रूप में देखा जाता है, जिसे "र्यूगु नो त्सुकाई" यानी समुद्र के महल का संदेशवाहक भी कहा जाता है.
ओरफिश की मौत का रहस्य
ओरफिश की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. वैज्ञानिक इसका पोस्टमार्टम करेंगे ताकि इसके तट पर आने का रहस्य सुलझ सके. इस मछली को सिप्रिप्स के समुद्री कशेरुक संग्रह में संरक्षित किया जाएगा. यह संग्रह दुनिया में गहरे समुद्र की मछलियों का सबसे बड़ा संग्रह है.
सिप्रिप्स के विशेषज्ञ बेन फ्रेबल ने कहा, "हमने नमूने इकट्ठा किए हैं ताकि ओरफिश की जैविकी, शारीरिक संरचना, जीनोमिक्स और जीवन इतिहास पर रिसर्च की जा सके।"
अगस्त में, ला जोला कोव (सैन डिएगो) में 12 फीट लंबी ओरफिश पाई गई. इसके बाद, सितंबर में हंटिंगटन बीच पर एक और मृत ओरफिश मिली. वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले 100 सालों में साउथ कैलिफोर्निया के पानी में केवल 25 ओरफिश ही देखी गई हैं.
वैज्ञानिक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि कुछ महीनों में तीन ओरफिश तट पर क्यों पहुंची. हालांकि, उनका मानना है कि समुद्र की स्थिति में बदलाव जैसे एल निनो और ला निना का प्रभाव इसका कारण हो सकता है.
बेन फ्रेबल के अनुसार, "समुद्र की बदलती परिस्थितियों और ओरफिश की बढ़ती संख्या के कारण गहरे समुद्र की ये मछलियां तट पर आ सकती हैं. हर एक नमूना हमें इस दुर्लभ प्रजाति के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करता है."
First Updated : Wednesday, 20 November 2024