जल रहा है सूडान, जारी है खून-खराबा... UAE क्यों लगा रहा है अपनी पूरी ताकत? जानिए
सूडान में बढ़ता गृहयुद्ध अब गंभीर संकट बन चुका है. 2023 से चल रही भीषण लड़ाई में लाखों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं. लेकिन सवाल यह है कि यूएई जैसे देश इस संकट को सुलझाने के लिए इतनी ताकत क्यों लगा रहे हैं? क्या सूडान के भविष्य का फैसला अब यूएई के हाथों में है? जानिए इस संकट के पीछे की असली वजह और क्यों यह युद्ध अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम बन गया है.

Sudan in Crisis: अफ्रीकी देश सूडान में इस वक्त भीषण संकट छाया हुआ है, और इसके लिए पूरी दुनिया चिंतित है. पिछले कुछ वर्षों में सूडान की स्थिति में एक बड़ा बदलाव आया है. 2019 में जब सूडान में लोकतंत्र की स्थापना हुई, तो लोगों को उम्मीद थी कि देश में बदलाव आएगा, गरीबी कम होगी, और जीवन स्तर सुधरेगा. लेकिन महज चार साल बाद, 2023 में सूडान ने खुद को भीषण गृहयुद्ध में पाया. इस युद्ध ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है और यूएई भी अपनी पूरी ताकत लगा रहा है सूडान में शांति स्थापित करने के लिए.
सूडान का गृहयुद्ध: क्या है असली संकट?
सूडान में सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच सत्ता संघर्ष ने देश को युद्ध और हिंसा में धकेल दिया. यह संघर्ष सूडान के लिए न केवल एक मानवीय संकट बन चुका है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है. अब तक इस संघर्ष में 150,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और 14.6 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. सूडान की 48 मिलियन की आबादी का आधा हिस्सा अब भुखमरी का सामना कर रहा है, और स्थिति दिन-प्रतिदिन और भी खराब होती जा रही है.
आरएसएफ की ताकत और सूडानी सेना की वापसी
सूडान में युद्ध की शुरुआत में, आरएसएफ की ताकत सूडानी सेना से भी अधिक हो गई थी. आरएसएफ ने राजधानी खार्तूम में राष्ट्रपति भवन और एयरपोर्ट तक पर कब्जा कर लिया था, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई थी. लेकिन हाल ही में, सूडानी सेना ने बड़ी बढ़त हासिल की है और राष्ट्रपति भवन पर फिर से कब्जा कर लिया है. सेना के इस कदम के बाद सूडान की राजधानी खार्तूम में स्थिति थोड़ी सुधरी है, लेकिन देश के कई अन्य हिस्से अब भी आरएसएफ के नियंत्रण में हैं, खासकर पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी सूडान में.
यूएई की भूमिका: क्यों दे रहा है यह संकट इतना महत्व?
यूएई, जो मध्य-पूर्व का एक प्रमुख देश है, सूडान में हो रहे इस संघर्ष पर कड़ी नजर बनाए हुए है. यूएई ने अपनी पूरी ताकत इस संकट के समाधान के लिए लगाई है, क्योंकि सूडान के रणनीतिक महत्व को नकारा नहीं जा सकता. सूडान एक ऐसा देश है जिसकी भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधन और समुद्र तट उसे अफ्रीका और अरब दुनिया के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाते हैं. इसलिए यूएई की यह कोशिश है कि सूडान में स्थिरता आए, ताकि यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जा सके.
क्या है भविष्य?
हालांकि, सेना की बढ़त का मतलब यह नहीं है कि संघर्ष खत्म हो चुका है. सूडान में युद्ध और हिंसा की स्थिति की कोई गारंटी नहीं है कि जल्द ही यह समाप्त हो जाएगी. दुनिया भर के देशों ने सूडान में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए अपनी सक्रियता बढ़ा दी है, लेकिन इन प्रयासों का परिणाम क्या होगा, यह देखना अभी बाकी है. यूएई और अन्य वैश्विक ताकतें इस संकट को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन सूडान में हो रहे इस संघर्ष का अंत जल्द होता दिखाई नहीं दे रहा है.
सूडान की स्थिति में सुधार के लिए यूएई की मदद ज़रूरी
सूडान का संकट न केवल सूडान के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है. इस संकट के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से यूएई के जैसे देशों की सक्रियता बेहद जरूरी है. सूडान की हालत और भी खराब हो सकती है यदि इसे जल्दी हल नहीं किया गया. इस कठिन समय में, यूएई का सहयोग और समर्थन महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, ताकि सूडान में शांति और स्थिरता बहाल हो सके.