Sunita Williams: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पिछले 6 महीनों से मौजूद भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है. हाल ही में सामने आई उनकी तस्वीरों में दोनों का वजन घटा हुआ नजर आया, जिससे अंतरिक्ष में फ्रेश फूड की कमी की समस्या उजागर हुई.
नासा ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए गुरुवार को एक रेस्क्यू मिशन लॉन्च किया. नासा ने एक अन-क्रू स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार शाम 6 बजे कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सोयुज रॉकेट के जरिए लॉन्च किया. यह स्पेसक्राफ्ट शनिवार रात 8 बजे ISS पहुंचेगा और वहां फूड, फ्यूल और अन्य आवश्यक सामान पहुंचाएगा.
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून से ISS पर हैं. अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, मांसपेशियों का वजन घटता है, और रेडिएशन के कारण आंखों पर भी असर पड़ सकता है.
नासा ने रोस्कोसमोस के कार्गो स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पर मौजूद एक्सपेडिशन-72 क्रू के लिए 3 टन फूड, फ्यूल और जरूरी सामान भेजा है. पिछले कुछ हफ्तों से फूड सिस्टम लैबोरेटरी में फ्रेश फूड की सप्लाई कम हो गई थी, जिसके कारण तुरंत यह कदम उठाया गया.
रूटीन मेडिकल जांच के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान की गई. नासा के प्रवक्ता ने आश्वासन दिया है कि सभी अंतरिक्ष यात्री वर्तमान में डॉक्टरों की निगरानी में सुरक्षित हैं. इसके बावजूद, लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से हड्डियों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है और रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी हो जाता है.
सुनीता और बुच विल्मोर का 8 दिन का मिशन तकनीकी खामी के कारण 8 महीने का हो गया. नासा ने सुरक्षा कारणों से उन्हें बोइंग स्टारलाइनर से वापस लाने से इनकार कर दिया और अब वह एलन मस्क के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए फरवरी 2025 में धरती पर लौटेंगे. First Updated : Saturday, 23 November 2024