स्विट्जरलैंड में लागू हुआ बुर्का बैन: नए कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढकने पर लगेगा भारी जुर्माना
स्विट्जरलैंड ने 1 जनवरी 2025 से सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया है। अब अगर कोई महिला अपना चेहरा ढकती है तो उसे लगभग 98,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा! यह फैसला 2021 के जनमत संग्रह के बाद लिया गया था, लेकिन इसके लागू होते ही देशभर में इस पर विरोध और बहस शुरू हो गई है। जानिए इस विवादास्पद कानून के पीछे की वजह और क्या हैं इसकी छूट के नियम?
Switzerland Burqa Ban: 1 जनवरी 2025 से स्विट्जरलैंड में एक नया कानून लागू हो गया है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को बुर्का, हिजाब या किसी अन्य तरीके से अपना चेहरा ढकने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई महिला इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उसे 1144 डॉलर (लगभग 98,000 रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। यह कानून 2021 में हुए एक जनमत संग्रह के बाद पारित किया गया, जिसमें स्विस नागरिकों ने बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में मतदान किया था।
जनमत संग्रह में 51% लोगों ने किया था बुर्का बैन का समर्थन
स्विट्जरलैंड में यह कानून उस जनमत संग्रह का परिणाम है, जो 2021 में हुआ था। इसमें 51.21% स्विस नागरिकों ने सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद, सरकार ने इस प्रस्ताव को पारित किया और 1 जनवरी 2025 से यह कानून लागू हो गया। इसके तहत, अब महिलाएं सार्वजनिक स्थानों जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रेस्टोरेंट्स, दुकानों और सरकारी दफ्तरों में अपना चेहरा पूरी तरह से नहीं ढक सकेंगी।
जुर्माने का प्रावधान, 98,000 रुपये तक का जुर्माना
इस नए कानून के तहत, अगर किसी महिला ने चेहरे को ढकने का प्रयास किया तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। जुर्माना 1000 स्विस फ्रैंक (लगभग 98,000 रुपये) तक हो सकता है। इस जुर्माने का उद्देश्य स्विट्ज़रलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना है। हालांकि, इस कानून के लागू होने के बाद विवाद भी शुरू हो गए हैं। कई मुस्लिम संगठनों ने इस कानून का विरोध किया है, और इसे महिलाओं की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है।
यूरोपीय देशों में पहले ही लागू हो चुका है यह कानून
स्विट्जरलैंड से पहले कई यूरोपीय देशों में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लागू किया जा चुका है। फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया जैसे देशों में भी यह कानून पहले से ही प्रभावी है। इन देशों में इसे सुरक्षा और सांस्कृतिक मुद्दों से जोड़कर देखा गया है। स्विट्ज़रलैंड में भी इस पर गहरी बहस चल रही है, क्योंकि कुछ लोग इसे महिलाओं की स्वतंत्रता के खिलाफ मानते हैं, जबकि कुछ इसे देश की सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा के तौर पर देखते हैं।
कुछ विशेष छूट भी दी गई हैं इस कानून में
इस कानून में कुछ छूट भी दी गई हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी महिला को सुरक्षा कारणों, मौसम की स्थिति या स्वास्थ्य कारणों से चेहरा ढकने की आवश्यकता है, तो उसे इस कानून से छूट मिलेगी। इसके अलावा, कला, मनोरंजन या विज्ञापन के उद्देश्यों के लिए भी चेहरे को ढकने की अनुमति दी जाएगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून का उद्देश्य केवल सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक आदेश को बनाए रखना है, न कि महिलाओं के अधिकारों को सीमित करना।
कानून के प्रभाव और विरोध
स्विट्जरलैंड में इस नए कानून को लेकर कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ विरोध भी कर रहे हैं। मुस्लिम समुदाय ने इस बैन को महिला स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है, और इसके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। हालांकि, स्विट्ज़रलैंड सरकार का कहना है कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और देश की संस्कृति को बनाए रखने के लिए जरूरी था। अब यह देखना होगा कि इस कानून का असर स्विट्ज़रलैंड के समाज और अन्य यूरोपीय देशों पर कितना पड़ता है।