पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के संबंधों में हालिया तनावों ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है. अफगानिस्तान में तालिबान के पुनर्निर्माण के बाद, पाकिस्तान की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं. तालिबान के बढ़ते प्रभाव और पाकिस्तान के अंदर की राजनीतिक अस्थिरता ने इसे एक संवेदनशील समय बना दिया है. पाकिस्तान में तालिबान के प्रभाव का बढ़ना और उनके समर्थन से जुड़ी अफवाहें, देश की राजनीति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं.

तालिबान ने अफगानिस्तान में अपने शासन के बाद से ही पाकिस्तान के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं. तालिबान के नेताओं ने पाकिस्तान को लगातार धमकी दी है कि वे अपनी नीति को बदलें और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करें, हालांकि, पाकिस्तान के नागरिक और सेना के बीच एक मजबूत तंत्र है, लेकिन तालिबान के बढ़ते प्रभाव को नजरअंदाज करना भी जोखिम भरा हो सकता है.