'बेमतलब का ऑफिस', कुलबुलाए तालिबानियों को करना है जंग, निशाने पर कौन?
Afghanistan News: कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि तालिबान के लड़ाकों का मन देश के अंदर ऑफिसों के काम में नहीं लग रहा है. वो सरकार की खिलाफत करने वालों से जंग लड़ना चाह रहे हैं. सोशल मीडिया में कई बयान वायरल हो रही है. इसमें से कुछ लड़ाके फिलिस्तीन के लिए फिर से बंदूक उठाने के मूड में है. आइये जानें सोशल मीडिया के साथ मीडिया रिपोर्ट में और कौन से दावे हो रहे हैं?
Afghanistan News: कहते हैं न लड़का खून कभी शांत नहीं रह सकता है. अगर उसे जंग की आदत है तो वो जंग ही चाहता है. उसे शांत बैठे रहने में समस्या होती है. कुछ यही हाल इन दिनों अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाकों का हो रहा है. अब वो तालिबान सरकार और मुसलमानों के खिलाफत करने वाले से लड़ाई करना चाह रहे हैं. क्योंकि, उनका कहा कि वो ऑफिसों में बैठे बोर हो रहे हैं. उनके मन अब क्लर्की में नही लग रहा है. कुछ लड़ाई फिलिस्तीन के लिए जंग में कूदना चाहते हैं तो कुछ पंजीर में जाकर सरकार के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाना चाहते हैं.
कुछ साल पहले तालिबान के लड़ाकों ने दुनिया की सबसे ताकतवर सेना से लड़कर अफगानिस्तान पर कब्जा हासिल किया था. तभी से वहां तालिबान की सरकार चल रही है. इससे पहले भी तालिबान ने कई साल तक युद्ध लड़ा है. इसमें उनके सामने US की आर्मी रही. जिसे अंत में उन्होंने अपने देश से खदेड़ दिया.
प्रवक्ता को हो रही है घुटन
तालिबान के पूर्व लड़ाके और अभी आपदा प्रबंधन मंत्रालय में बतौर प्रवक्ता तैनात मुल्ला जनान का एक बयान आया है. इसमें वो कह रहे है कि पूर्व तालिबानी लड़ाके लंबे समय से ऑफिस का काम करते हुए बोर हो गए हैं. मुझे खुद भी इस काम में मन नहीं लग रहा है. मैं 15 साल तक गुरिल्ला युद्ध लड़ता रहा. हालांकि, अब मैं इन फाइलों के बीच उलझा रहता हूं. ये में किसी ढ़ेर की तरह लगते हैं. इतनी शांत लाइफ में मुझे घुटन हो रही है.
ब्रिटिश मीडिया से मुल्ला जनान ने कहा कि उनको 2021 में सरकार बनने के बाद डेस्क जॉब दी गई. ये काम बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. मैं इस तरह के काम के बारे में कभी सोचा नहीं था. मैं इस दफ्तरी काम में बुरी तरह फंस गया हूं. कई बार तो खुद से सवाल करता हूं कि मैं क्या कर रहा हूं.
बड़ा नाम है मुल्ला जनान
बता दें मुल्ला जनान बड़े ही खूंखार तालिबान लड़ाकों में से एक हैं. वो दक्षिणी हेलमंद में हुई लड़ाइयों में शामिल हो चुके हैं. उनके पास जंग के अच्छा खासा अनुभव है. उन्हें तो लड़ाकों के बीच केवल उनके नाम और काम से जाना जाता है.
निशाने पर कौन?
अब सवाल आता है कि ये तालिबान के लड़ाकों का मन जंग के लिए है तो ये लड़ाना किससे चाहते हैं. ऐसे में कई लड़ाकों की कहना है कि वो पंजशीर जाकर युद्ध करना चाहते हैं. क्योंकि, वहां तालिबान की सरकार के खिलाफ विद्रोह हो रहा है. वहीं कुछ लड़ाके तो फिलिस्तीन के लिए जंग लड़ना चाहते हैं. उनका कहना है कि मन करता है फिलिस्तीन जाकर अपनी कौन और साथियों के लिए जंग लड़ी जाए.