तालिबान सरकार का एक और तुगलकी फरमान, दाढ़ी न रखने पर 280 से ज्यादा लोगों पर लिया यह एक्शन
Taliban: पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने एक बार फिर तुगलकी फरमान सुनाया है. जिसके तहतदाढ़ी न रखने पर 280 से ज्यादा सिक्योरिटी फोर्स के लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. इसके साथ ही तालिबानी सत्ता की ओर से अनैतिक कामों के आरोप में 13 हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. तालिबानी सत्ता की ओर से अनैतिक कामों के आरोप में 13 हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.
Taliban: देश दुनिया से अक्सर अजीबो- गरीब खबरें सामने आती रहती है. इस बीच पड़ोसी देश अफगानिस्तान से एक ऐसी ही खबर सामने आई है. यहां पर दाढ़ी न बढ़ाने की वजह से सिक्योरिटी फोर्स के 280 से अधिक सदस्यों को बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही तालिबानी सत्ता की ओर से अनैतिक कामों के आरोप में 13 हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. इस की जानकारी आज यानी मंगलवार को अधिकारियों ने दी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि तालिबान के नौतिकता मंत्रालय की ओर से ये कदम उठाया गया है. बुराई की रोकथाम और सदाचार प्रसार मंत्रालय ने अपने सालाना रिपोर्ट में कुछ आकड़ों को साझा किया है. इन आंकड़ों के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोगों में से लगभग आधे को 24 घंटे बाद ही रिहा कर दिया गया. हालांकि, इसमें यह नहीं बताया गया कि इन लोगों ने किस तरह के अपराध किए थे और उनमें कितनी महिलाएं व पुरुष हैं.
योजना और विधान निदेशक की प्रेस कॉन्फ्रेंस?
इस बीच मंत्रालय में योजना और विधान के निदेशक मोहिबुल्लाह मोखलिस ने इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने पिछले साल 21,328 म्यूज़िकल इन्स्ट्रूमेंट्स को नष्ट किया था. साथ ही, हजारों कंप्यूटर ऑपरेटरों को बाजारों में अनैतिक फिल्में बेचने से रोका गया था. उन्होंने कहा, 'सुरक्षा बल के 281 ऐसे सदस्यों की पहचान की गई जिन्होंने दाढ़ी नहीं रखी थी. ऐसे में इस्लामी कानून का पालन करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इस तरह के कुछ और भी ऐक्शन लिए गए हैं.
महिला अधिकारों का हुआ हनन
2021 में तालिबान के कब्जे के बाद नैतिकता मंत्रालय ने काबुल में महिला मंत्रालय परिसर को अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित किया गया. मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की ओर से इसकी कड़ी आलोचना की गई है. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन ने नैतिकता मंत्रालय के अधिकारियों को लेकर कुछ और भी दावे किए हैं.
बताया गया कि इस्लामी पोशाक की उनकी व्याख्या को पूरा नहीं करने पर महिलाओं को कई घंटों हिरासत में लेने के मामले आए हैं. हालांकि, तालिबान हिरासत के आरोपों को निराधार बताता रहा है. इस पर कहा गया कि ये नियम इस्लामी कानून और अफगान रीति-रिवाजों पर आधारित हैं.