तालिबान का क्रूर शासन, अफ़गानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर बड़ा हमला
तालिबान के सख्त नियमों ने अफगानिस्तान में महिलाओं से उनकी शिक्षा, नौकरी, सार्वजनिक स्थानों और बुनियादी स्वतंत्रताओं को छीन लिया है. इसने एक ऐसी क्रूर व्यवस्था बनाई है जो हर कदम पर महिलाओं की आवाज़ को दबाती है और उनके जीवन को सीमित कर देती है.
2021 में सत्ता में लौटने के बाद, तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया है. महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा, नौकरी, सार्वजनिक स्थानों पर जाने और बुनियादी अधिकारों तक पहुँचने से रोक दिया गया है. यह उन अधिकारों को छीनने जैसा है, जिनकी हमें आमतौर पर आदत होती है. तालिबान ने अफगानिस्तान में एक ऐसा शासन स्थापित किया है, जो महिलाओं के लिए पूरी तरह से प्रतिगामी है.
अमेरिकी अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप ने भी इस पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आज अफ़गानिस्तान में एक गिलहरी के पास एक लड़की से ज्यादा अधिकार हैं. काबुल में एक पक्षी गा सकता है, लेकिन एक लड़की या महिला सार्वजनिक रूप से नहीं गा सकती.
तो तालिबान अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ क्या कर रहा है?
1. शिक्षा और नौकरी का अधिकार नहीं: तालिबान के सत्ता में आने के बाद, लड़कियों को स्कूल जाने से रोक दिया गया है. लड़कियों को छठी कक्षा के बाद पढ़ाई जारी रखने की अनुमति नहीं है. जो लड़कियाँ कॉलेज या विश्वविद्यालय में पढ़ रही थीं, उन्हें जबरन घर भेज दिया गया. इसके अलावा, महिलाओं को सरकारी और निजी नौकरियों में काम करने की अनुमति भी नहीं है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहायता कार्यों पर गंभीर असर पड़ा है.
2. महिलाओं की आवाज़ पर प्रतिबंध: तालिबान ने महिलाओं की आवाज़ सुनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बोलने, गाने या पढ़ने की अनुमति नहीं है. शरिया कानून के तहत, महिलाओं की आवाज़ को प्रलोभन का स्रोत माना जाता है और अगर उनकी आवाज़ उनके अपने घर में भी सुनी जाती है, तो उन्हें सजा मिल सकती है.
3. महिलाओं के लिए खिड़कियों पर प्रतिबंध: तालिबान ने आदेश दिया है कि घरों में ऐसी खिड़कियाँ नहीं बनाई जाएं जिनसे महिलाओं के क्षेत्र का दृश्य दिखाई दे. उनका मानना है कि महिलाओं को घर के बाहर देखना अश्लीलता को बढ़ावा देता है.
4. महिला मेडिकल छात्राओं का कॉलेज जाना बंद: दिसंबर 2022 में तालिबान ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत सभी महिला मेडिकल छात्राओं को कॉलेज जाने से रोक दिया गया. इसके कारण अफगानिस्तान में नर्सिंग और मिडवाइफरी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम बंद हो गए हैं, जिससे महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एक और रास्ता बंद हो गया.
5. सैलून और स्पा पर प्रतिबंध: 2023 में तालिबान ने महिलाओं के हेयर सैलून और ब्यूटी सैलून को बंद कर दिया. इन सैलूनों को तालिबान के सत्ता में आने के बाद दो साल तक काम करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब उन्हें भी बंद कर दिया गया. उनका मानना है कि मेकअप, भौंहों का आकार देना और बालों की सेवाएँ इस्लाम की नमाज से पहले की शारीरिक सफाई में बाधा डालती हैं. तालिबान का यह रवैया अफगान महिलाओं की ज़िंदगी को और भी मुश्किल बना रहा है, और दुनिया भर में इसके खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है.