हे भगवान! कैंटीन में ले आए जिंदा गाय और करने लगे गोमांस खाने की मांग, बढ़ा बवाल देखें वीडियो

Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. ताजा मामला ढाका विश्वविद्यालय से आया है. यहां की मधु कैंटीन में छात्रों का एक गुट जिंदा गाय ले आया और गोमांस खाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगा. इसका वीडियो भी सामने आया है जिसपर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

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Bangladesh News: बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सरकार गई है. तभी से देश में हिंदुओं के प्रति हिंसा के मामले सामने आने बढ़ गए हैं. दुर्गा पूजा के दौरान कई स्थानों पर तनाव के मामले सामने आए थे. खुद अंतरिम सरकार के प्रमुख मो. यूनुस को बयान तक देना पड़ा था. अब राजधानी ढाका में स्थित ढाका विश्वविद्यालय में हाल ही में एक विवादास्पद घटना सामने आई है. इस मामले ने एक बार फिर से हिंदू समुदाय को गहराई से आहत किया है. विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस में जिंदा गाय लाकर बीफ पकाने और खाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, जिससे तनाव बढ़ गया.

बता दें बांग्लादेश में विद्रोह के समय हिंदुओं पर चुन-चुनकर हमले किए गए थे. इसमें कई हत्याएं हुई थी. खैर सरकार गिरने के बाद संभावना जताई जा रही थी कि अंतरिम सरकार के राज में सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा दिया जाएगा. हालांकि, अभी तक किसी ऐसे प्रयास का प्रभाव नजर आया नहीं.

वीडियो वायरल, हिंदू समुदाय में आक्रोश

प्रदर्शन के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें छात्रों को गाय के साथ खड़े होकर नारे लगाते देखा जा सकता है. इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया पैदा कर दी. हिंदू समुदाय के लोगों ने इसे बेहद असंवेदनशील और भड़काऊ कृत्य बताया और इसकी निंदा की.

मधु कैंटीन का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

इस प्रदर्शन का केंद्र 'मधु कैंटीन' रही जिसका नाम हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति 'मधुदा' के नाम पर रखा गया है. मधु कैंटीन ढाका विश्वविद्यालय का एक प्रसिद्ध स्थान है और इसका दोनों समुदायों के लिए सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है. इस स्थल का इतिहास ढाका विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलनों और सामाजिक गतिविधियों से गहराई से जुड़ा हुआ है.

धार्मिक भावनाओं पर विवाद की प्रतिक्रिया

इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और सांप्रदायिक सहिष्णुता के मुद्दे को उजागर कर दिया है. कई लोगों का मानना है कि विश्वविद्यालय परिसर में इस तरह का प्रदर्शन सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है. हालांकि, अभी इस मामले में सरकार और प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

First Updated : Monday, 28 October 2024