EAM Jaishankar At UNGA: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यानी शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में बोलते हुए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. दरअसल एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से की थी. इस बीच पाक पीएम के बयान का पलटवार करते हुए जयशंकर ने अपने प्रभावशाली भाषण में कहा कि पाकिस्तान का सीमापार आतंकवाद कभी सफल नहीं होगा तथा उन्होंने पड़ोसी देश को उसके कार्यों के परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयशंकर ने अपने भाषण में कहा, 'हमने कल इसी मंच (यूएनजीए) से कुछ विचित्र बातें सुनीं. मैं भारत की स्थिति को बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं. पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे दंड से मुक्ति की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए. इसके विपरीत, कार्रवाई के निश्चित रूप से नतीजे होंगे. जयशंकर ने आगे कहा कि हमारे बीच सुलझाया जाने वाला मुद्दा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना और निश्चित रूप से आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के दीर्घकालिक लगाव को त्यागना है.
शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से करते हुए कहा कि वहां के लोगों ने अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है. उन्होंने भारत से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया, जिसके तहत जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था, तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार बातचीत करने का आग्रह किया था.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया था कि नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के पारस्परिक रणनीतिक संयम व्यवस्था के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, तथा भारतीय नेतृत्व पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार कर पाकिस्तान द्वारा आजाद कश्मीर. कहे जाने वाले क्षेत्र में घुसने की धमकी देने का आरोप लगाया.
शरीफ की टिप्पणियों की भारत ने तीखी आलोचना की तथा भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने उसी मंच पर जवाब देते हुए कहा, 'जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, 'इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है.
यह सूची लंबी है. ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे बड़ा पाखंड है.' इस बीच, एस जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की. First Updated : Saturday, 28 September 2024