Pakistan elections 2024: पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है. अबकी बार यहां आतंकवादी और उनके रिश्तेदार चुनावी मैदान में हैं. साल 2008 के मुंबई हमलों का गुनाहगार हाफिज सईद पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरा है. बड़ी खबर यह है कि 'पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग' हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा है. बीबीसी उर्दू ने अपनी खबर में बताया कि इस दल से पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से कई ऐसे उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जो हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या फिर उनका संबंध कभी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहा है.
आतंकी हाफिज सईद लाहौर की एक जेल में बंद है. हाफिज को पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने 31 साल कैद की सजा सुना रखी है. हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 2008 को ‘वैश्विक आतंकवादियों’ की सूची में डाल दिया था. भारत ने दिसंबर 2023 में पाकिस्तान से कहा था कि वह हाफिज भारत को सौंप दे, ताकि कानून के तहत उस पर केस चलाया जा सके. हाफिज भारत में कई आंतकी हमलों में वांछित है.
पाकिस्तान में आतंकियों के चुनाव लड़ने पर भारत ने कड़े शब्दों में आपत्ति जताई है. आतंकी सईद के बेटे हाफिज तलहा के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर संज्ञान लिया और कहा, पड़ोसी देश में आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा की राजनीति में लाने का काम पहली बार नहीं किया जा रहा है. यहां पर ये काम सरकारी नीति का हिस्सा बन चुका है.
बीबीसी की खबर के अनुसार, पाकिस्तान में धार्मिक संस्थाओं के बारे में गहरी जानकारी रखने वाले विश्लेषकों के हवाले से खबर है कि मरकाजी मुस्लिम लीग सईद की जमात-उद-दावा का ‘नया राजनीतिक चेहरा’है जो चुनावी मैदान में है. वहीं पार्टी के एक प्रवक्ता ने दल का सईद के संगठनों से किसी भी प्रकार के संबंध होने को खारिज किया है.
पाकिस्तान में बैठा आतंक का आका पहली बार राजनीति में अपनी किस्मत नहीं आजमा रहा है. इसके पहले आतंकी संगठन जमात-उद-दावा से जुड़े कुछ लोगों ने साल 2018 में 'मिल्ली मुस्लिम लीग' पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने को कोशिश कर रहे थे, लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उस समय दल पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद राजनीतिक दल के पंजीकरण को खारिज कर दिया था. First Updated : Monday, 05 February 2024