ईरान की इजरायल को धमकी: क्या दुनिया फिर से युद्ध की कगार पर है?
ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला खामेनेई ने इजरायल को फिर से हमले की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो ईरान हमला कर सकता है. यह बयान तब आया है जब इजरायल ने गाजा में एक मस्जिद को निशाना बनाया है, जिससे कई लोग मारे गए हैं. खामेनेई ने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की भी बात की. जानें इस बढ़ते तनाव के पीछे की वजह और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं!
The Iran Threat: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में इजरायल को एक कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ईरान फिर से इजरायल पर हमला कर सकता है. यह बयान तब आया है जब इजरायल और ईरान के बीच के रिश्ते अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. खामेनेई का यह बयान ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हाल के मिसाइल हमलों के संदर्भ में है.
गाजा में इजरायली लड़ाकू विमानों ने दैर-अल-बलाह नामक स्थान पर एक मस्जिद को निशाना बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग मारे गए हैं. यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है जब ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइल दागे थे. खामेनेई ने कहा, 'हर राष्ट्र को आक्रमणकारियों के खिलाफ अपनी भूमि की रक्षा करने का अधिकार है.' उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भी इस बात की मान्यता देता है.
ईरान का ऑपरेशन 'सच्चा वादा 2'
खामेनेई ने ईरान के सशस्त्र बलों के हालिया ऑपरेशन 'सच्चा वादा 2' का भी उल्लेख किया. उन्होंने इसे 'कानूनी और वैध' बताया और कहा कि भविष्य में यदि जरूरत पड़ेगी तो ऐसा ऑपरेशन फिर से किया जा सकता है. उन्होंने इजरायल को 'रक्तपिपासु शासन' के तौर पर वर्णित किया और अमेरिका को 'इस इलाके का भयानक कुत्ता' कहा.
मध्य पूर्व का हालात
मध्य पूर्व में वर्तमान हालात और भी तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. पिछले साल 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल के कई शहरों पर एक साथ मिसाइल हमले किए थे. इसके बाद से हमास और इजरायल के बीच लड़ाई चल रही है, जिसमें गाजा, लेबनान और वेस्ट बैंक शामिल हैं. इस संघर्ष में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. इजरायल ने अब लेबनान में सक्रिय रूप से कार्रवाई शुरू कर दी है और स्थानीय लोगों के कई गांवों को खाली कराने के आदेश दिए हैं.
दुनिया की नजर
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने न केवल इन दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए चिंता का विषय बना दिया है. खामेनेई की चेतावनी इस बात का संकेत है कि अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो ईरान भी अधिक आक्रामक कदम उठा सकता है. यह संकट न केवल राजनीतिक है, बल्कि मानवता के लिए भी खतरे का संकेत है. ऐसे में दुनिया की नजर इस क्षेत्र पर है कि आगे क्या होता है.