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वो सड़क जहां जाने के बाद गायब हो जाते हैं लोग, यहां खत्म होती है इंसानी पहुंच

नॉर्वे में स्थित E-69 हाईवे को दुनिया की 'आखिरी सड़क' कहा जाता है. यह सड़क धरती के उत्तरी छोर यानी नॉर्डकैप (Nordkapp) तक जाती है, जहां से आगे सिर्फ बर्फ और समुद्र है. E-69 की सबसे रहस्यमयी बात यह है कि इस पर जाने वाले कई लोग गायब हो चुके हैं, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाता है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जो इंसानी समझ से परे हैं. इन्हीं में से एक है नॉर्वे की एक सड़क, जिसे 'द एंड ऑफ द वर्ल्ड रोड' यानी 'दुनिया का आखिरी रास्ता' कहा जाता है. E-69 हाइवे नाम की यह सड़क सिर्फ एक रास्ता नहीं बल्कि अनगिनत रहस्यों और रोमांच से भरी हुई एक ऐसी दुनिया है, जहां कदम रखने के बाद कई लोग कभी लौटकर नहीं आए.  

इस सड़क की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां पहुंचने के बाद इंसान खुद को धरती के किनारे जैसा महसूस करता है. बर्फ, तूफान और गहराई से घिरे इस रास्ते को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. लेकिन इस रहस्यमयी सड़क के पीछे छिपा अंधकार और डर भी उतना ही बड़ा है.

क्या है E-69 हाइवे?

E-69 हाइवे नॉर्वे के फिनमार्क क्षेत्र में स्थित है, जो नॉर्डकैप तक जाता है. यह धरती के सबसे उत्तरी बिंदु तक पहुंचने वाली आखिरी सड़क है, जहां इंसान सड़क मार्ग से पहुंच सकता है. इसका अंतिम छोर इतना निर्जन है कि यहां पहुंचकर ऐसा लगता है मानो दुनिया यहीं खत्म हो जाती है.

सिर्फ बर्फ और सागर का सन्नाटा

इस सड़क के आखिरी छोर पर ना कोई शहर है, ना दुकानें और ना ही रिहाइश. चारों तरफ सिर्फ बर्फीले ग्लेशियर और विशाल बारेंट्स सागर फैला होता है. प्रकृति की यह खूबसूरती, उसकी भयावहता के साथ मिलकर यात्रियों के दिलों में रोमांच भर देती है.

रहस्यमयी गायब हो जाना

इस सड़क को लेकर सबसे बड़ी चर्चा यह है कि यहां जो लोग अकेले या बिना तैयारी के गए, वो कभी लौटकर नहीं आए. स्थानीय लोगों के अनुसार, “कुछ पर्यटक ऐसी परिस्थितियों में फंसे कि उनका कोई सुराग नहीं मिला. ये कहानियां ही इस रास्ते को और रहस्यमयी बना देती हैं.”

सूरज 6 महीने तक नहीं डूबता!

नॉर्वे के इस उत्तरी क्षेत्र में प्राकृतिक चमत्कार देखने को मिलते हैं. सर्दियों में यहां 6 महीने तक सूरज नहीं उगता, जबकि गर्मियों में 6 महीने तक सूरज नहीं डूबता. इस अद्भुत घटना को **'मिडनाइट सन'** कहा जाता है, जो पर्यटकों के लिए एक खास अनुभव बन जाती है.

जोखिम भरा है सफर

यह रास्ता जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी. यहां का मौसम पलभर में बदल सकता है. बर्फीले तूफान, भारी बर्फबारी और शून्य से नीचे तापमान इस सफर को चुनौतीपूर्ण बना देते हैं. ठंड के मौसम में -45 डिग्री तक तापमान गिर सकता है, जो किसी भी सामान्य इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

क्यों जरूरी है गाइड और तैयारी?

E-69 पर यात्रा के लिए विशेष तैयारी की जरूरत होती है. यहां बिना गाइड और समूह के जाना जोखिम भरा होता है. पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की पूरी जानकारी लेकर ही यात्रा शुरू करें, क्योंकि इस रास्ते पर बर्फ में रास्ता भटक जाना आम बात है.

नॉर्डकैप: धरती का आखिरी छोर

इस सड़क का आखिरी बिंदु नॉर्डकैप है, जहां 307 मीटर ऊंचे समुद्री किनारे से केवल समुद्र और आसमान दिखता है. यहां से नीचे देखने पर ऐसा लगता है जैसे धरती अब खत्म हो गई है. यही अनुभव इस जगह को दुनिया का 'एंड पॉइंट' बनाता है.

रोमांच और रहस्य का मेल

E-69 हाइवे सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि यह उन लोगों की कहानी है जो सीमाओं को पार कर दुनिया के आखिरी कोने तक पहुंचने की चाह रखते हैं. कुछ इसके नज़ारों में खो जाते हैं, तो कुछ हमेशा के लिए कहीं खो जाते हैं. यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती और सबसे गहरा रहस्य है.

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11 April 2025, 05:19 PM IST

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