Biggest Robberie: आपने डकैती से जुड़ी भारतीय या विदेशी फिल्में जरूर देखी होंगी. उस वक्त आपने सोचा होगा कि अगर सच में ऐसा हुआ तो क्या होगा. आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया की सबसे बड़ी डकैती कौन सी होगी? हम आपको ऐसी ही एक डकैती की कहानी बता रहे हैं. तो आइए अब जानते हैं दुनिया की सबसे बड़ी डकैती के बारे में. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'क्यूरा' पर किसी ने पूछा, दुनिया की सबसे बड़ी डकैती क्या है?
वो दिन था 18 मार्च 2003 इस दिन ना तो बंदूक का उपयोग हुआ और न ही बल का. अगले दिन अमेरिका इराक पर हमला करने वाला था. 'मिलिट्री.कॉम' वेबसाइट के मुताबिक, आज ही के दिन दुनिया की सबसे बड़ी डकैती हुई थी. लेकिन कुछ लोग इस मामले को चोरी नहीं मानते. क्योंकि यह राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का अधिकार था. कुछ लोग हाथ में कागज का टुकड़ा लेकर इराक के सबसे बड़े बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इराक पहुंचे. यह बैंक बगदाद में था. वहां पहुंच कर इन लोगों ने बैंक मैनेजर को एक कागज दिया. उस कागज पर लिखा था कि राष्ट्रपति चाहते थे कि अमेरिकी हमले से पहले देश का पैसा सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाये. सद्दाम हुसैन का नाम सुनते ही बैंक कर्मचारी दबाव में आ गए और कागज पर लिखी बात के मुताबिक इसे लागू करना शुरू कर दिया.
पूरी रकम बैंक के बाहर खड़े ट्रक में रख दी गई. रकम इतनी बड़ी थी कि ट्रक भी कम पड़ गए. फिर चोर ने बैंक में कुछ पैसे छोड़ दिये. चौंकाने वाली बात यह है कि यह चोरी करीब पांच घंटे तक चलती रही. सबसे बड़ी डकैती को बिना किसी हथियार के इस्तेमाल के अंजाम दिया गया. बाद में यह साफ हो गया कि सद्दाम हुसैन ने ऐसा कोई फरमान जारी नहीं किया था. तब हर कोई हैरान रह गया. जांच करने पर यह साफ हो गया कि पेपर लाने वाला कोई और नहीं बल्कि सद्दाम का बेटा क्यूसे हुसैन और उसके साथी थे. इसके बाद जब बैंक ने डेटा जारी किया तो साफ हो गया कि आठ हजार करोड़ रुपये की चोरी हुई है. कुछ दिनों बाद, अमेरिका ने एक हमले में क्यूसे को मार डाला. लेकिन इस चोरी किए हुए पैसे का किसी को पता नहीं चला. First Updated : Wednesday, 15 May 2024