भारत पर टिकी रूस की निगाहें, शांति की नई उम्मीद या जंग की एक और जंग

रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारी तबाही मचाई है. हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर मिसाइलें दागीं हैं जिससे कई मौतें हुईं है. राष्ट्रपति पुतिन ने शांति वार्ता के संकेत दिए हैं. इसके साथ ही चीन, भारत और ब्राजील को मध्यस्थ की भूमिका देने की बात की है. हालांकि, पुतिन ने यूक्रेन पर हमला भी किया यह आरोप लगाते हुए कि यूक्रेनी सेना का हालिया हमला असफल रहा. क्या यह वार्ता शांति लाएगी यह एक बड़ा सवाल है

calender

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध लंबे समय से जारी है और हाल के दिनों में यह और भी गंभीर हो गया है, इस संघर्ष के कारण दोनों देशों के बीच भारी जनहानि और तबाही हुई है. रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर दो मिसाइलें दागीं जिससे कई लोगों की मौत हो गई. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भी इस हमले की पुष्टि की है.

इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति वार्ता की संभावनाओं का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों को इस वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए. उनका यह बयान एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है क्योंकि इससे युद्ध के समाप्त होने की उम्मीदें जागी हैं.

शुरुआती समझौता असफल: पुतिन

पुतिन ने बताया कि युद्ध की शुरुआत के पहले सप्ताह में एक समझौता हुआ था, लेकिन वह कभी लागू नहीं हो सका. पुतिन के अनुसार, इस्तांबुल में हुए इस प्रारंभिक समझौते को भविष्य में वार्ता की आधारशिला के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

पुतिन का आरोप: यूक्रेनी हमला असफल

हालांकि पुतिन ने यूक्रेन पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि यूक्रेनी सेना का हालिया हमला पश्चिमी रूस के कुर्स्क क्षेत्र में रूसी प्रगति को धीमा करने के प्रयास का हिस्सा था लेकिन यह असफल रहा. पुतिन का कहना है कि इस हमले के कारण यूक्रेन की सेना अन्य मोर्चों पर कमजोर हुई है.

जंग रोकने के लिए पुतिन कि शर्त

रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए पुतिन ने कुछ शर्तें रखी हैं. रूस की शर्तों के अनुसार यूक्रेन को दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसान और जपोरजिया क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटाना होगा और यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकना होगा. हालांकि, यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से इंकार कर दिया है और उसने रूस से अपने सभी सैनिकों को यूक्रेन से वापस बुलाने की मांग की है.

रूस-यूक्रेन युद्ध: फरवरी 2022 से जारी संकट

बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 से शुरू हुआ था और इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है. युद्ध के तात्कालिक प्रभावों के साथ-साथ लंबे समय तक चलने वाले मानवीय संकट ने स्थिति को और भी ज्यादा जटिल बना दिया है.

First Updated : Thursday, 05 September 2024