Israel-Iran War: इस समय पूरी दुनिया की नजरें मध्य पूर्व के क्षेत्र पर टिकी हुई हैं. तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर चिंताएं तेज हो गई हैं. ईरान ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए युद्ध अभ्यास की शुरुआत की. यह कदम ऐसे समय में आया है, जब इजरायल और अमेरिका के बीच ईरान को लेकर बढ़ती बयानबाजी और धमकियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. ईरान की सेना ने हाल ही में देश के मध्य में स्थित नैटांज परमाणु संयंत्र के पास हवाई अभ्यास शुरू किया, जो एक बड़ी रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है.
ईरान का यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर रहा है. इजरायल द्वारा ईरान के हवाई सुरक्षा को नष्ट करने और अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले की धमकी देने के बीच, ईरान ने अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया है.
ईरान की सेना ने इस युद्ध अभ्यास का नाम "इक्तेदार" रखा है, जिसका अर्थ होता है "शक्ति प्रदर्शन". ईरान की सरकार ने इसे पूरे देश में चल रहे युद्धाभ्यासों का एक हिस्सा बताया है. ईरान का मानना है कि इजरायल और अमेरिका मिलकर उसके परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकते हैं, और इस कारण वह अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यह अभ्यास कर रहा है.
इस युद्धाभ्यास के दौरान, ईरानी सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने मिलकर एक संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास आयोजित किया. यह अभ्यास मध्य ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र के पास किया गया. सरकारी मीडिया के अनुसार, यह अभ्यास संभावित हमलों से संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा के लिए तत्परता का परीक्षण करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.
अभ्यास के पहले चरण में, वायु रक्षा इकाइयों ने कृत्रिम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध स्थितियों में विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों का सामना करने के लिए मिसाइलों का परीक्षण किया. इसके साथ ही, ईरान ने देश भर में अपनी सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए कई नई वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती की है. इन प्रणालियों के बारे में दुश्मनों को भी कोई जानकारी नहीं है, जैसा कि खतम अल-अनबिया एयर डिफेंस बेस के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल ग़दर रहीमज़ादेह ने बताया.
कम से कम 2010 से, इजरायल ने कथित तौर पर ईरान के अंदर दर्जनों हमले किए हैं, जिनमें ईरान के संवेदनशील परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया है. जुलाई 2020 में, जब मध्य ईरान में नैटांज यूरेनियम संवर्धन स्थल पर भीषण विस्फोट हुआ, तो यह हमले और बढ़ गए. यह विस्फोट ईरान के परमाणु ठिकाने को निशाना बनाते हुए हुआ था, जिससे एक इमारत भी नष्ट हो गई थी.
इस सप्ताह की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2020 में डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डेर्मर के बीच हुई बैठक में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों पर चर्चा की गई थी. इस बैठक में ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावनाओं पर गहरी चिंता जताई गई थी, जिससे तनाव और बढ़ गया है. First Updated : Wednesday, 08 January 2025