दुनियाभर में कई तरह के जानव पाए जाते हैं जो अपनी अपनी विशेषताओं के लिए मशहूर हैं. कोई जानवर खतरनाक होता है तो कोई ज़हरीलें तो कुछ बहुत शक्तिशाली होते हैं. वहीं कई ऐसे जानवर हैं जो बीमारी फैलाते हैं तो कुछ आक्रामक भी होते हैं. इन्ही जानवरों के विशेषताओं पर एक रिसर्च हुआ जिसमें पता चला है कि, दुनिया के 10 सबसे खतरनाक जानवर के बारे में पत चला है. इन्हीं में से 5 खतरनाक जानवर के बारे में आज हम बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.
दरअसल, बीबीसी के एक रिपोर्ट में 10 सबसे खतरनाक जानवर के बारे में बताया जिसमें बाघ और हाथी जैसे जानवर नहीं है. बहुत से लोग ऐसे हैं जो बड़े जानवरों को खतरनाक मानते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दुनिया के सबसे घातक जानवर असल में सबसे छोटा है जो मच्छर है. मच्छर नाम सुनकर आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है.
मच्छर दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल मच्छर जनित बीमारियों से लगभग 725,000 लोग मारे जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मच्छर काटने से फैलने वाली बिमारी अकेले मलेरिया से 200 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं जिसमें से 600,000 लोगों की मौत हो जाती है. इसे इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि, मच्छरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वे इंसानों के लिए खतरा और भी बढ़ा देते हैं.
मच्छर के बाद सांप दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर है. सांपों के काटने से हर साल 50 लाख से ज्यादा लोग मर जाते हैं. दुनिया का सबसे जहरीला सांप इनलैंड ताइपन है, जिसे पश्चिमी ताइपन के नाम से भी जाना जाता है. इसका जहर बहुत जहरीला होता है, इसके काटने से 45 मिनट से भी कम समय में इंसान की जान ले सकता है. हालांकि, ये सांप बहुत की कम यानी शायद ही कभी इंसानों को काटता है.
आजकल लोगों को कुत्ते पालने का बहुत शौक है. लोग कुत्ते को इंसान का अच्छा दोस्त मानते हैं लेकिन ये बात शायद ही किसी को पता होगा कि. पागल कुत्ते के काटन से हर साल लगभग 25 हजार लोगों की मौत हो जाती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक, जिन देशों में कुत्ते आम तौर पर रेबीज फैलाते हैं, वहाँ 99% तक संक्रमण के लिए वे ही ज़िम्मेदार होते हैं. भारत में सबसे ज्यादा रेबीज़ से लोगों की मौत होती है.
यह मक्खी आकार और देखने में दूसरे मच्छरों के मुकाबले समान होती है. हालांकि, यह बहुत ज्यादा शक्तिशाली होती है. त्सेत्से मक्खी की एक बड़ी सूंड होती है जिसके इस्तेमाल से इंसानों समेत कशेरुकी जानवरों को काटती है और उनका खून पीती है.त्सेत्से मक्खी के काटने से अफ्रीकी ट्रिपैनोसोमियासिस या नींद की बीमारी फैलती है. माना जाता है कि हर साल अधिकांश उप-सहारा अफ्रीका में इस मक्खी के काटने से 20,000 से 30,000 लोग नींद की बीमारी से संक्रमित होते हैं.
मगरमच्छ को भी घातक जानवर के लिस्ट में शामिल किया गया है. हालांकि, जरूरी नहीं है कि, मगरमच्छ इंसानों का शिकार करने के लिए ही निकलता हों लेकिन वो हत्यारे होते हैं. अफ्रीका में हर साल इंसानों पर मगरमच्छों के कई सौ हमले होते हैं जो ज्यादातर घातक हमले होते हैं. ऐसा अनुमान है कि दुनियाभर में मगरमच्छ हर साल लगभग 1,000 मनुष्यों को मारते हैं, जो शार्क से कहीं अधिक है.
First Updated : Saturday, 10 August 2024