इस देश ने समय से पहले रिहा किए अपने 1,000 कैदी, क्या ऐसा संभव है? जानें वजह

World News: ब्रिटेन ने जेल में बंद अपने 1,000 कैदियों के दूसरे बैच को समय से पहले रिहा कर दिया है. यह कदम जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए उठाया गया है. वहीं इससे पहले 1,700 कैदियों को भी इसी नीति के तहत रिहा किया गया था.

Amit Kumar
Amit Kumar

World News: ब्रिटेन में मंगलवार को 1,000 कैदियों के दूसरे बैच को समय से पहले रिहा किया गया. यह कदम जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए उठाया गया है. वहीं पिछले महीने 1,700 कैदियों को भी इसी नीति के तहत रिहा किया गया था. न्याय सचिव शबाना महमूद ने बताया कि 37 अयोग्य कैदियों को गलती से रिहा किया गया था, जिसे अब ठीक कर लिया गया है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  समीक्षा में कुछ दोषी अपराधियों के लिए कठोर गैर-हिरासत दंड जैसे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, ताकि खतरनाक अपराधियों को जेल में रखने के लिए स्थान उपलब्ध हो सके. इसमें 'नज' तकनीक का इस्तेमाल होगा, जिसमें घड़ियां या ऐप्स के जरिए अपराधियों की शर्तों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. 

अहिंसक अपराधियों की रिहाई

वहीं इस योजना के तहत कुछ अहिंसक अपराधियों को रिहा किया गया है, जिन्होंने कुछ शर्तों का पालन किया.  ये कैदी सामान्य 50 प्रतिशत सजा पूरी करने की बजाय सिर्फ 40 प्रतिशत सजा पूरी करने के बाद रिहा हुए हैं. पूर्व न्याय सचिव डेविड गौके के अनुसार, वर्तमान में जेलों की आबादी लगभग 89,000 है, जो हर साल 4,500 की वृद्धि हो रही है.  इनमें से 90 प्रतिशत लोग फिर से अपराध कर रहे हैं. 

जेल संकट और नई सरकार की चुनौतियां 

शबाना महमूद ने बताया कि पिछली कंजर्वेटिव सरकार से मिली जेल संकट के कारण नई सरकार को जल्दी रिहाई की योजना अपनानी पड़ी.  जुलाई में सत्ता में आने के बाद, नई लेबर सरकार के मंत्रियों ने पाया कि जेल प्रणाली 'पतन' की ओर बढ़ रही है, जो कानून और व्यवस्था को खतरे में डाल सकती है. 

जगहों की कमी और सुधार की आवश्यकता

महामूद ने कहा कि अगस्त में पूरे देश में जेलों में 100 से कम जगहें उपलब्ध थीं.  2019 में, गौके ने सुझाव दिया था कि हिंसक और यौन अपराधों के लिए अपवादों के साथ, छह महीने या उससे कम की सजा को समाप्त करने का एक मजबूत मामला है. 

लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन

गौके ने यह भी बताया कि मौजूदा समय में दोबारा अपराध करने की दरों को देखते हुए जेलें प्रभावी नहीं हैं. उनकी समीक्षा का उद्देश्य यह समझना है कि 21वीं सदी में सजा और पुनर्वास कैसे होना चाहिए, ताकि न्याय प्रणाली को संकट से बाहर निकाला जा सके और एक स्थायी भविष्य की दिशा में बढ़ा जा सके. 

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22 October 2024, 08:47 PM IST

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