Target Killing in Pakistan: ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने बीते दिनों एक रिपोर्ट पब्लिश करते हुए दावा किया था कि भारत की खुफिया एजेंसियां ने 2020 से लेकर अब तक पाकिस्तान में घुसकर 20 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है. इस रिपोर्ट में किए दावों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रुख साफ करते हुए कहा था कि भारत की विदेश नीति में टारगेट किलिंग करने का कोई प्रवधान नहीं है. ये आरोप बेबुनियाद है. इस बीच मामले अब डिफेंस एक्सपर्ट पीके सहगल ने लश्कर-तैयबा सरगना हाफिज सईद और पाकिस्तान की नापाक साजिशों को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की है.
सहगल के अनुसार पाकिस्तान में टारगेट किलिंग हो रही है. मगर इसके पीछे भारत का हाथ हो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं. पाकिस्तान में जो आतंकी संगठन है, इनमें आंतरिक कलह है. ऐसे में पाकिस्तान भी अब बिल्कुल समझ गया है कि यह पूरी तरह से नाकाम है. इसलिए इनका सफाया करना जरूरी है.
पाकिस्तान की तरफ से खुद पाले गए आतंकियों को निशाना बनाना के पीछे की एक वजह के बारे में पीके सहगल ने बताया इनका सफाया कर पाकिस्तान अपनी छवि को सुधारने का प्रयास कर रहा है. वास्तव में इन आतंकियों को जो खत्म कर रहा है वो या तो पाकिस्तानी आर्मी है या आईएसआई. सहगल ने आगे कहा कि पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी इतनी भी विफल नहीं है कि 3 से 3 वर्षों में वो एक भी सबूत ना छोड़े या किसी एक इंसान को पकड़ न सके.
पीके सहगल ने आगे कहा कि साफतौर पर दिखाई देता है कि एफएटीएफ से बचने के लिए और इंटरनेशनल एम्बरेस्मेंट से बचने के लिए ये जो साजिश है, इसके पीछे केवल पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई जिम्मेदार है. हफीज सईद को जहर देना लगभग असंभव लगता है. उसे 3-4 लेयर की सुरक्षा दी जाती है. वहीं, दाऊद इब्राहिम की सात लेयर की सुरक्षा है. इन सबके बाबजूद कौन है जो सुरक्षा को तोड़कर उसे जहर दे सके. बशर्ते कि इसके पीछे आईएसआई या आर्मी खुद शामिल न हो.
उन्होंने आगे कहा कि फाइव आइज भी यही थ्योरी देते हैं कि इस तरह की टारगेट किलिंग के पीछे भारत का हाथ है. ऐसे में पाकिस्तान इस बात का फायदा उठाकर भारत को बदनाम करने का प्रयास कर सकता है. वो भी ऐसे समय जब चुनाव नजदीक हो. उनकी यही कोशिश होगी कि किसी तरह से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल किया जा सके, मगर ये सारी साजिश वेस्टर्न वर्ल्ड की और पाकिस्तान की है. First Updated : Monday, 08 April 2024