चीन को मिला उर्जा का अनमोल खजाना, 60,000 साल तक रहेगा अटूट!
चीन का खजाना खोज: लेकिन चीनी सरकार इस थोरियम का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए क्यों नहीं कर रही है? जानकार सूत्रों का दावा है कि चीन ने अभी तक ऊर्जा स्रोत के रूप में थोरियम का उपयोग करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया है.

इंटरनेशनल न्यूज. चीन ने पृथ्वी की गहराइयों में छिपे रहस्यों को उजागर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. क्या हमारे पास इस बात की पूरी सूची है कि पृथ्वी की सतह के अंदर क्या-क्या संग्रहित है? इस पृथ्वी की सतह के नीचे अनगिनत दुनियाएं छिपी हुई हैं, जो हजारों वर्षों से छिपी हुई हैं. इसकी सम्पूर्णता मानव सभ्यता के लिए अभी भी अज्ञात है. मध्य पूर्व ने इस भूमि पर खनन करते समय तेल क्षेत्रों की खोज की. भारत ने अनेक कोयला खदानें हासिल की हैं. हीरा मिल गया है. इसके अलावा, बहुत सारी कीमती धातुएं और इतिहास भी मिला है. हालांकि इस बार ऐसा लग रहा है कि चीन इन सभी देशों से कुछ कदम आगे जाने वाला है.
बन सकता है सबसे शक्तिशाली देश चीन
उन्होंने एक अन्य प्रकार की सम्पत्ति अर्जित की है. कुछ लोगों का कहना है कि यदि चीन इन संसाधनों का उचित उपयोग कर सके तो वह विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बन सकता है. उन्हें क्या मिला? चीन के प्रमुख मीडिया आउटलेट्स में से एक, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीन ने अपने पैरों के नीचे 'ऊर्जा का एक अनंत स्रोत' खोज लिया है. 2020 में पूरे हुए एक भूमिगत सर्वेक्षण के अनुसार, देश के भीतर गहरे में थोरियम धातु के भंडार छिपे हुए हैं.
24 घंटे मिल सकती है बिजली
उल्लेखनीय है कि यह खजाना चीन के शिनजियांग प्रांत में स्थित है, जो तिब्बत से संबंधित है. चीन ने 2008 में इस थोरियम के स्थान की खोज की थी. उस समय एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अगर इस थोरियम धातु का उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाए तो अमेरिका जैसे देश के हर घर में एक हजार साल तक 24 घंटे बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी.
थोरियम वैज्ञानिकों के अनुमान से कई गुना...
लेकिन हाल ही में पुनः अध्ययन से पता चला है कि यह थोरियम वैज्ञानिकों के अनुमान से कई गुना अधिक शक्तिशाली है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यदि बायन ओबो खदान का पूर्ण उपयोग किया गया तो यह अगले 60,000 वर्षों तक चीन की ऊर्जा की भूख को संतुष्ट कर सकता है. इस संदर्भ में एक भूविज्ञानी ने नाम न बताने की शर्त पर देश की मीडिया से कहा कि बीती कुछ शताब्दियों से चीन अपनी गुफाओं में छिपी ऊर्जा को नजरअंदाज करते हुए अन्य देशों के साथ ऊर्जा को लेकर लड़ रहा है.'
लेकिन चीनी सरकार इस थोरियम का...
लेकिन चीनी सरकार इस थोरियम का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए क्यों नहीं कर रही है? जानकार सूत्रों का दावा है कि चीन ने अभी तक ऊर्जा स्रोत के रूप में थोरियम का उपयोग करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास नहीं किया है. यही कारण है कि वे अपने कुदरती संसाधनों को वह सम्मान नहीं दे पाते जिसके वे हकदार हैं, भले ही उनके पास बहुत ही यह संसाधन हैं.