इंडोनेशिया में 3 भारतीयों पर लटकी मौत की तलवार, नशा तस्करी मामले में फंसे
इंडोनेशिया में तीन भारतीय नागरिकों पर 106 किलो क्रिस्टल मेथ ड्रग की तस्करी का आरोप लगा है, जिसके चलते उन्हें मौत की सजा हो सकती है. केस की सुनवाई जारी है और बचाव पक्ष का तर्क है कि जहाज के कैप्टन की अनुमति के बिना इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स रखना संभव नहीं है. 15 अप्रैल को कोर्ट अंतिम फैसला सुना सकती है.

इंडोनेशिया में 3 भारतीय नागरिकों पर नशे की तस्करी के गंभीर आरोप लगे हैं. जिसके चलते उन पर मौत की सजा की तलवार लटक रही है. ये मामला जुलाई 2024 का है, जब इन तीनों पर सिंगापुर के झंडे वाले एक जहाज के जरिए इंडोनेशिया में अवैध रूप से ड्रग्स लाने का आरोप लगाया गया था. इंडोनेशिया के सख्त कानूनों के तहत उन्हें मृत्युदंड मिल सकता है.
इस मामले की सुनवाई फिलहाल कोर्ट में जारी है. जिन 3 भारतीयों को आरोपी बनाया गया है, उनकी पहचान राजू मुथुकुमारन (38), सेलवादुरई दिनाकरन (34) और गोविंदसामी विमलकंदन (45) के रूप में हुई है. ये तीनों तमिलनाडु के निवासी हैं और सिंगापुर के शिपिंग उद्योग में काम कर रहे थे. इन पर 106 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग की तस्करी का आरोप है. इंडोनेशियाई सुरक्षा एजेंसियों ने करीकुम जिले के पोंगकर क्षेत्र में जहाज को जब्त कर लिया था.
जहाज के कैप्टन की गवाही पर करेगा निर्भर
जहाज जिस स्थान पर पकड़ा गया, वो सिंगापुर से केवल एक घंटे की दूरी पर था. अब इस केस में जहाज के कैप्टन की गवाही सबसे अहम साबित हो सकती है, क्योंकि वो ही स्पष्ट कर सकता है कि ड्रग्स की तस्करी में इन तीनों भारतीयों की कोई भूमिका थी या नहीं. हालांकि, कैप्टन अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुआ है और सिर्फ ज़ूम कॉल के जरिए सुनवाई में शामिल हुआ. लेकिन इस तरह की गवाही को कानूनी रूप से वैध नहीं माना गया.
बचाव पक्ष का तर्क है कि कैप्टन की अनुमति के बिना इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स जहाज पर रखना असंभव है. आमतौर पर किसी भी जहाज पर रखी गई वस्तुओं की पूरी जिम्मेदारी कैप्टन की होती है. ऐसे में जब तक कैप्टन की पूरी और आधिकारिक गवाही कोर्ट में दर्ज नहीं होती, तब तक मामले की तस्वीर साफ नहीं हो सकती.
वकीलों की मांग – मिले मौत की सजा
इंडोनेशिया में ड्रग तस्करी को लेकर कानून बेहद सख्त हैं. सरकारी वकीलों ने तीनों भारतीयों के लिए मौत की सजा की मांग की है. हालांकि, भारतीय मूल के एक वकील उनकी ओर से केस लड़ रहे हैं और ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जहाज पर ड्रग्स रखने की जिम्मेदारी कैप्टन की थी, ना कि इन तीनों की.
15 अप्रैल को इस केस में कोर्ट अंतिम फैसला सुना सकता है. अगर कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया, तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है. भारत सरकार की ओर से इस केस पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है.