Titan submarine : टाइटन से टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए पांचों यात्रियों की हुई मौत!
Titan submarine : टाइटन नाम की पनडुब्बी से अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में डूबा टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए सभी यात्रियों की मौत हो गई है। ओशन गेट ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमारी संवेदनाएं मृतक यात्रियों के परिवार वालों के साथ है।
हाइलाइट
- टाइटैनिक जहाज का देखने गए पांचों यात्रियों की हुई मौत
- रविवार को सबमरीन टाइटन यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी
Titan submarine : पनडुब्बी टाइटन से टाइटैनिरक जहाज का मलबा देखने गए पांचों यात्री अब इस दुनिया में नहीं रहे। टाइटन पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी ओशन ने इसकी जानकारी दी है। रविवार को टाइटन नाम की यह पनडुब्बी पांच लोगों को अटलांटिक महासागर में अप्रैल 1912 में डूबा टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने ले गई थी।
कंपनी ओशन गेट ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि पांचों यात्रियों की मौत हो चुकी है। अब वो हमारे बीच नहीं रहे। पांचों यात्रियों के जाने का हमें बहुत दुख है।
बृहस्पतिवार को अमेरिकी तटरक्षक ने जानकारी देते हुए कहा था कि जहां टाइटैनिक का मलबा है, उसी के आस - पास पनडुब्बी का मलबा मिला है। हालांकि इस बात की पुष्टी नहीं की जा सकती है कि यह टाइटन नाम की लापता पनडुब्बी ही है। वहीं, अधिकारियों की तरफ से गुरुवार को ट्वीट करके जानकारी दी गई है कि अभी भी मलबे का मूल्यंकन किया जा रहा है। सर्च ऑपरेशन कर रही टीम ने एक भयानक विस्फोट होने की बात कही थी। आशंका जताई जा रही है कि टाइटन 2 हिस्सों में टूट गई थी क्योंकि इसका मलबा दो हिस्सों में मिलने की बात कही जा रही है।
पनडुब्बी कौन-कौन सवार था?
टाइटन पनडुब्बी में पायलट को लेकर कुल पांच लोग सवार थे। इस पनडुब्बी में पांच लोगों को ले जाने की ही क्षमता थी। इस पनडुब्बी में बिट्रेन के व्यापारी हामिश हार्डिंग, फ़्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट, पनडुब्बी कंपनी के चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव स्टॉकटन रश और पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद सवार थे। शहजादा दाऊद पाकिस्तान के बड़े अमीरजादों में से एक थे, जो अब हमारे बीच नहीं रहे। रिपोर्ट के अनुसार वह अपनी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ यूके में ही रहा करते थे।
हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ है
यात्रियों के बारे में दुख जताते हुए पनडुब्बी के मालिक ने कहा कि यात्री साहसी और सच्चे सच्चे खोजकर्ता थे। सभी में महासागरों में नई चीचों को खोज करने का एक जुनून था। हम इस दुखद खड़ी में यात्रियों के परिवार के साथ हैं। हमारी शोक संवेदनाएं भी मृतकों के परिवार के साथ हैं। जैसा कि इस पनडुब्बी में मात्र 96 घंटे की ऑक्सीजन थी। और 96 घंटे बीत चुके थे। ऑाक्सीजन खत्म हो चुकी थी।