जर्मनी: महिला प्रतिमाओं को छूना यौन उत्पीड़न, कांस्य मूर्तियों पर डाला गया प्रकाश

Germany: संगठन टेरे डेस फेम्स ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा करके बताया कि किसी तरह से कई सालों से जर्मनी के अंदर कांस्य प्रतिमाओं का यौन उत्पीड़न किया जा रहा है.

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Germany:  जर्मनी का टेरे डेस फेम्स लगभग 40 सालों से लड़कियों व महिलाओं को लेकर लिंग-विशिष्ट भेदभाव, मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपने अभियान को चलाते रहता है. वर्तमान समय में टेरे डेस फेम्स संगठन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी करके बताया कि किस प्रकार से यौन उत्पीड़न को बढ़ावा दिया जा रहा है. 

इस वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह से नग्न महिलाओं की कांस्य प्रतिमाओं के स्तन को वर्षों तक छूने के उपरांत उनके रूप हल्के हो गए हैं. संगठन का कहना है कि नग्न महिलाओं के स्तनों के साथ मूर्ति के बाकी हिस्सों के मुकाबले अधिक चमक देखी जाती है. जिसका परिणाम ये है कि " उन्हें सबसे अधिक बार छुआ जाता है"

कांस्य महिला मूर्तियां उत्पीड़न का हुई शिकार

आपको बता दें कि संगठन टेरे डेस फेम्स "अनसाइलेंस द वॉयलेंस" नामक अभियान का भाग है. वहीं वीडियो देखा जा रहा है कि जर्मनी के कई जगहों पर कुछ कांस्य महिला मूर्तियां दिखाई दे रही है. वीडियो में संगठन ने साफ तौर पर कानून के नियमों को बताते हुए एक उदाहरण दिया है. और लोगों को अपना मैसेज दिया है कि किस प्रकार से यौन उत्पीड़न अपनी छाप छोड़ता है. वीडियो में बताया गया है कि जर्मनी में तीन में से दो महिलाएं यौन उत्पीड़न की भावना को महसूस करती हैं. जिसमें से अधिकांश लोगों के अंदर डर और शर्मिंदगी देखी गई है. 

मूर्तियां को छूना देती हैं ये संकेत 

इन सारे मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए प्रतिमाएं अपनी चुप्पी तोड़ती नजर आती हैं. संगठन का कहना है कि "नग्न महिलाओं की तीन कांस्य मूर्तियों के पीछे 'यौन उत्पीड़न एक निशान छोड़ता है" आगे उन्होंने नारे के साथ बड़ी सफेद तख्तियां लगाईं है. ये सारी मूर्तियां महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न की कहानी को उजागर करती हैं. हर दिन के अत्याचार को समझाती है. इस जुर्म को करने में अपराधियों की संख्या एक नहीं बल्कि बहुत है.  First Updated : Wednesday, 10 April 2024