इंटरनेशनल न्यूज. कलाईद्जी समुदाय की परंपरा बल्गारिया के कलाईद्जी समुदाय में हर साल वसंत में एक विशेष दुल्हन बाजार का आयोजन किया जाता है. यह कार्यक्रम बुल्गारिया के स्तारा ज़गोरा में होता है. जहां युवा कुंवारी लड़कियों को उनके संभावित जीवनसाथियों के सामने पेश किया जाता है. इन लड़कियों को 'लंबी मखमली स्कर्ट, चमकीले रंग की हेडस्कार्फ और सोने के गहनों से सजाया जाता है.'
यह बाजार मुख्य रूप से कलाईद्जी रोमा समुदाय के लिए होता है, जो पूरे यूरोप में भेदभाव और बहिष्कार का सामना कर रहे हैं. ऑर्थोडॉक्स ईसाई लेंट के पहले शनिवार को आयोजित होने वाले इस आयोजन में ब्राइड प्राइस (दहेज) पर गहन चर्चा होती है. और ज्यादातर मामलों में इसका परिणाम विवाह होता है. कलाईद्जी समुदाय में डेटिंग को स्वीकार नहीं किया जाता, और समुदाय के बाहर विवाह को भी अनुचित समझा जाता है.
सौंदर्य से तय होती है कीमत
बल्गारियाई विज्ञान अकादमी के नृवंशविज्ञानी वेल्चो क्रुस्तेव के अनुसार, इस बाजार में ‘पुरुष एक पत्नी नहीं, बल्कि उसकी कुंवारी होने का अधिकार खरीदते हैं.’ उदाहरण के लिए, 18 वर्षीय ह्रिस्टोस जॉर्जीव ने 18 वर्षीय डोंका दिमित्रोवा के पिता से दहेज की बातचीत की. इसमें कीमत $7,500 से $11,300 के बीच तय हुई. यह राशि एक आम बुल्गारियाई की सालभर की आमदनी से कहीं अधिक है. जॉर्जीव ने बताया कि उसने यह पैसा साइप्रस में काम करके बचाया. उन्होंने बताया कि ‘अगर लड़की बहुत खूबसूरत हो, तो यह कीमत $13,000 तक भी जा सकती है. और अत्यधिक सुंदरता के लिए $21,000 तक पहुंच सकती है।.
महिलाओं का दृष्टिकोण
कलाईद्जी परिवार अपनी बेटियों को 16 से 20 साल की उम्र के बीच शादी करवा देते हैं ताकि वे किसी भी प्रकार के अनचाहे रिश्तों से बच सकें. आमतौर पर इन लड़कियों को आठवीं कक्षा के बाद स्कूल से हटा लिया जाता है. कलाईद्जी महिलाएं परंपरागत रूप से अपने पति के व्यवसाय में मदद करती हैं और अपनी बेटियों के लिए दहेज तैयार करती हैं.
शिक्षा को यहां महत्व नहीं दिया जाता, और एक रिपोर्ट के अनुसार केवल 10% रोमा महिलाएं ही माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर पाती हैं. डोंका दिमित्रोवा, जिन्होंने अपने समुदाय की अन्य लड़कियों की तुलना में अधिक शिक्षा प्राप्त की है. कहती हैं कि शादी के लिए ‘धन से अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति का व्यक्तित्व, बोलने का तरीका, सोचने-समझने का ढंग है.’ उनकी एक चचेरी बहन ने भी कहा कि ‘धन कोई गारंटी नहीं कि शादी हमेशा टिकेगी.’
परंपरा के विरोधाभास और जटिलताएं
स्वीडिश फिल्म निर्माता मिलेन लार्सन और एलिस स्टीन के डॉक्यूमेंट्री "यंग ब्राइड्स फॉर सेल" के अनुसार, यह परंपरा कलाईद्जी समुदाय की पहचान का हिस्सा है और इसी कारण यह परंपरा आज भी जीवित है. डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि लड़कियों को शादी के लिए तैयार किया जाता है, न कि उन्हें अपने सपनों और इच्छाओं को खोजने के लिए. इसके कारण लड़कियों के पास अपने पति और उनके परिवार की सेवा करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं होते हैं.
डर और असहजता की भावनाएं
बाजार में आने वाली कई युवा लड़कियों के लिए यह प्रक्रिया "डरावनी" होती हैं. एक लड़की ने बताया कि ‘अगर किसी अमीर लड़के के माता-पिता लड़की की सुंदरता से संतुष्ट नहीं होते, तो वे उसे बहू के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे, भले ही लड़की और लड़के के बीच प्यार हो.’ कलाईद्जी समुदाय की यह परंपरा विवादास्पद होने के बावजूद इस समुदाय के लोगों की पहचान और संस्कृति से जुड़ी हुई है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। First Updated : Thursday, 07 November 2024